बिलासपुरः रेप पीड़ित बच्ची को CWC ने किया कैद, फैक्ट्री मालिक पिता ने किया था रेप, बेटी को पाने हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी दर-दर भटक रहीं मां

बेटी के लिए कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठीं मां। - Dainik Bhaskar

बिलासपुर। बिलासपुर में रेप पीड़ित 9 साल की बेटी पिछले दो माह से चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के पास कैद है। दरअसल, बच्ची के पिता ने ही उसके साथ रेप किया था। इसके बाद से पुलिस न तो फैक्ट्री मालिक आरोपी को गिरफ्तार कर रही है और न ही बच्ची का बयान दर्ज कर रही है। इधर, उसकी मां अपनी बेटी को पाने के लिए दर-दर भटक रही है। आरोप है कि CWC ने उनकी बेटी को बेवजह रख लिया है और वह परेशान हैं। मां ने बेटी को पाने के लिए हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी। इसके बाद भी CWC बच्चे की कस्टडी नहीं दे रही है।

सकरी क्षेत्र की रहने वाली महिला हाउसवाइफ हैं और उनका परिवार भी कारोबारी हैं। उनकी शादी साल 2014 में रायगढ़ में रहने वाले फैक्ट्री संचालक से हुई थी। शादी के बाद उनकी बेटी हुई लेकिन, पति-पत्नी के बीच संबंध ठीक नहीं थे। पत्नी का कहना है कि पति बिना बात के विवाद करता था। पति की आए दिन की प्रताड़ना से तंग आकर महिला अपनी 9 साल की बेटी को लेकर बिलासपुर में अपने मायके में आकर रहने लगी। महिला और उसकी बेटी तीन माह से यहां रह रहीं हैं।

बेटी से रेप करने पर मां ने दर्ज कराई FIR
महिला ने पुलिस को बताया कि बीते जुलाई माह से उसके पति की नीयत बेटी पर बिगड़ गई थी। उसने रायगढ़ में भी बेटी के साथ गलत हरकत की। जब महिला ने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई। इसके बाद जब वह बिलासपुर आ गई, तब उसका पति बेटी से मिलने के बहाने आता था। यहां वह अच्छा व्यवहार करता और बेटी से अकेले मिलता था। इसी दौरान उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।कुछ दिन पहले ही बेटी ने अपनी मां को पिता के गलत हरकतों की जानकारी दी। मामला सामने आने पर महिला अपनी बेटी को लेकर SSP पारुल माथुर के पास पहुंची। उनके निर्देश पर महिला थाने में आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

रायगढ़ का संपन्न कारोबारी है आरोपी
पुलिस ने बताया कि महिला का पति उद्योगपति है और उसका लोहे की चादर और ट्रक बॉडी बनाने का प्लांट है। शादी के बाद कुछ दिन तक तो ठीक चला,लेकिन फिर पति ने नशे में घर आना शुरू कर दिया। सब बातों पर अपनी मनमानी करता और मना करने पर मारपीट करता था। महिला अपनी सामाजिक स्थिति और बेटी के कारण मजबूरी में प्रताड़ना सहते हुए ससुराल में ही रहती थी, लेकिन जब बेटी पर बुरी नजर पड़ी तो वह डर गई। वह बेटी को लेकर अपने मायके आ गई।

दो माह बाद बेटी का दर्ज किया बयान
इधर, मां का आरोप है कि मासूम बेटी को इस घटना के बाद से CWC ने रख लिया है। उन्होंने अपनी बेटी को पाने के लिए पुलिस अफसरों के साथ ही कलेक्टर सौरभ कुमार से भी फरियाद लगाई। लेकिन, किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। परेशान होकर उन्होंने हाईकोर्ट में बंदीप्रत्क्षीकरण याचिका भी दायर की, जिसमें पुलिस ने शपथपत्र दिया है कि CWC ने बच्ची का अब तक धारा 164 के तहत बयान दर्ज नहीं किया है और बच्ची उनकी कस्टडी में है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर इस केस के निराकरण करने का आदेश दिया था। लेकिन, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बल्कि, अब उल्टा बच्ची को रायगढ़ भेजने की बात कही जा रही है, जिससे उसकी जान को खतरा है। इस केस में CWC का पक्ष जानने के लिए चेयरमैन असीम मुखर्जी से संपर्क किया गया। लेकिन, उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।

वकील बोले- CWC को नहीं है अधिकार
इस पूरे मामले में महिला के वकील राजीव दुबे ने पुलिस और CWC की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि रेप का आरोपी खुलेआम घूम रहा है। CWC को ऐसे बच्चों की कस्टडी और देखरेख करने का अधिकार है, जिसका कोई वारिस नहीं है। जबकि, बच्ची अपनी मां के साथ रहना चाहती है। फिर भी उसे मां को नहीं दिया जा रहा है। उनका आरोप है कि आरोपी के इशारे पर CWC के अध्यक्ष और सदस्य काम रह रहे हैं। इस तरह के गंभीर मामले में 24 घंटे के भीतर बयान दर्ज होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि रेप पीड़िता का धारा 164 के तहत बयान एक सप्ताह के भीतर होना चाहिए। लेकिन, CWC ने दो माह तक बच्ची का बयान ही दर्ज नहीं कराया। खुद पुलिस ने बयान दिया है कि धारा 164 के बयान में CWC बाधा उत्पन्न कर रही है। ऐसे में पूरे केस में कारोबारी आरोपी को बचाने के लिए CWC काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बच्ची को रायगढ़ नहीं भेजना चाहिए और उसकी मां को सौंपना चाहिए।

बच्ची को पाने कलेक्ट्रेट के सामने बैठी मां
अब पुलिस और CWC के अड़ियल रवैए को देखकर बच्ची की मां कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठ गईं। उनका रो-रोकर बुरा हाल है और न्याय के लिए गुहार लगा रही हैं। उनका कहना है कि मेरी बच्ची को मुझे लौटा दी जाए। बच्ची को बेवजह CWC को रख लिया है। बच्ची का बयान दर्ज होने के बाद बच्ची को क्यों रखा गया है?