बिलासपुर। कुख्यात बदमाश और पूर्व कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी की हत्या की साजिश में उसके पिता जय नारायण त्रिपाठी, भाई कपिल त्रिपाठी, गोद ली हुई बेटी के पति भरत तिवारी का नाम सामने आ रहा है। पुलिस के मुताबिक यह हत्या संजू की मनमानी और अत्याचार से तंग आकर परिवारवालों ने ही कराई है। फिलहाल इस हत्याकांड के शूटर्स, मुख्य आरोपी कपिल त्रिपाठी पुलिस पकड़ से दूर है, लेकिन साजिश में शामिल कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और शनिवार को इस चर्चित कांड का पुलिस अधिकारिक खुलासा करेगी।
कई अपराधिक मामलों के आरोपी, नामी बदमाश संजू त्रिपाठी की बुधवार शाम सकरी बाईपास चौक में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से पुलिस मामले की जांच में लगी थी। उसके छोटे भाई कपिल से उसकी दुश्मनी जाहिर थी, इसलिए सबसे पहले शक उस पर गया। कपिल फरार है और यह तय हो गया कि उसने ही हत्या की साजिश रची और बाहर से शूटर बुलवाए। पुलिस ने संजू के पिता, कपिल के साले और कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था। तीन दिन की लंबी पूछताछ, मोबाइल में मिली वाइस रिकार्डिंग, कॉल हिस्ट्री, कई लोगों के बयानों के बाद हत्या की जो कहानी सामने आई है वह रिश्तों को तारतार करने वाली है।
परिवार का बैकग्राउंड
परिवार का मुखिया जयनारायण त्रिपाठी 1972 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बिलासपुर आया था। उसने यहां आने के बाद शुरुआती दौर में नौकरी की, लेकिन फिर दबंगई और राजनीति में उतर गया। यूपी के बदमाशों से उसका संपर्क बना रहा, लिहाजा यहां उसकी गुंडागर्दी चलती रही। भिलाई के बड़े कर्मचारी नेता शंकर गुहा नियोगी की जब हत्या हुई तो उसके शूटर्स को पनाह देने में जय नारायण का भी नाम आया। जयनारायण ने दो शादियां की थी। पहली पत्नी की पहले मौत हुई। उसकी दो बेटियां और दो बेटे संजू और कपिल हुए। जयनारायण ने बाद में एक बच्ची को गोद ले लिया। वह कुदुदंड में उसके मकान में उसके बच्चों के साथ ही रहती थी, तब तक संजू और उसकी बड़ी बहन बड़े हो गए थे। बाद में जयनारायण ने उसकी शादी भी यहीं बिलासपुर में करा दी।
पुलिस के मुताबिक एक ही महिला से पिता-पुत्र के संबंध
जयनारायण त्रिपाठी की गुंडागर्दी देखकर उसका बड़ा बेटा संजू भी अपराध की दुनिया में आ गया। उसने 16 साल की उम्र में एक 13 साल के छात्र को बेदम पीटा और उससे पैसे लूट लिए। इसके बाद उसका आतंक बढ़ता गया। पुलिस के मुताबिक संजू ने एक दिन अपने बाप और मुंहबोली बहन को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया। इसके बाद उसने भी जबरदस्ती करनी शुरू कर दी। जैसे-जैसे वह बड़ा होने लगा, लोगों की जमीनों पर कब्जे, ब्याज, वसूली से पैसे आने लगे उसका आतंक बढ़ने लगा। अब वह घर की सभी जमीनों, मकानों पर अपना कब्जा चाहता था। बताया जाता है कि उसका अत्याचार इतना बढ़ गया था कि शादी के बाद वह मुंहबोली बहन के पति को भगाकर जबरदस्ती करता था। उसने अपने पिता पर भी कई बार हाथ उठाया, जयनारायण उसके डर से कुछ बोल नहीं सकता था। इसी दौरान कपिल जवान हुआ तो वह भी संजू के साथ अपराध करने लगा। दोनों पर शहडोल में एक युवक को जलाकर मार डालने का आरोप लगा और दोनों जेल भी गए। बाद में साक्ष्य के अभाव में दोनों छूट गए।
दोनों भाइयों के बीच दोस्ती से दुश्मनी
जयनारायण संजू के अत्याचार के कारण अपने छोटे बेटे कपिल को ज्यादा चाहता था। उसने अपनी कुछ जमीनों को कपिल के नाम करने की बात की। इससे संजू चिढ़ गया। कपिल अब अलग जमीनों का काम और रंगदारी कर रहा था। उसने घुरू-अमेरी इलाके में अपना मकान बना लिया था। अपने लोग बना लिए थे। इससे भी संजू चिढ़ने लगा। मई से पहले एक जमीन में दोनों भाई आमने-सामने हो गए। यह विवाद गहरा गया। इसी मामले में समझौता करने संजू ने कपिल को घर बुलाया और उसके सिर पर फरसा मार दिया। इसके बाद दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए। जयनारायण और परिवार के लोग कपिल की ओर थे।
गोरखपुर से नेपाल निकलने की प्लानिंग
मोबाइल पर कपिल और जयनारायण की जो ऑडियो क्लिप मिली है, उसमें सभी बातें क्लीयर है। जब संजू के खिलाफ दर्ज 307 की धारा खारिज हो गई तो यह तय हो गया कि वह बहुत समय तक जेल में नहीं रहेगा। इसके बाद कपिल और जयनारायण ने शूटर बुलाकर उसकी हत्या का प्लान कर लिया। दोनों की बातचीत में हत्या के बाद शूटर्स के, कपिल के भाग जाने का रास्ता, जयनारायण के यहीं रहने का प्लान, भरत तिवारी के शामिल होने का प्लान सब कुछ है। एक क्लिप में कपिल, जयनारायण से कह रहा है कि गोरखपुर की ओर जाने में खतरा है क्योंकि पुलिस जानती है कि गोरखपुर आपका शहर है। बातचीत में वहां से नेपाल जाने का भी जिक्र है।
यहां आरोपी रुके थे इसके सबूत मिले हैं ।
जिस गाड़ी से भागे शूटर वह अमरकंटक में मिली
पुलिस अफसरों ने बताया कि शूटर भरनी-परसदा के पोड़ी के पास वारदात में उपयोग की गई कार को छोड़कर दूसरी गाड़ी से फरार हुए थे। पुलिस ने संदेहियों से पूछताछ के बाद शूटर्स को लेकर जाने वाली दूसरी गाड़ी को भी बरामद कर लिया है। कार मध्यप्रदेश के अमरकंटक में मिली है, जिसे पुलिस ने जब्त किया है। बताया जा रहा है कि शूटर को लेकर जाने के लिए वाहन उपलब्ध कराने वाले युवक को भी पुलिस ने पकड़ लिया है।
अमरकंटक में मिली कार
श्रीवास नाम का दोस्त और एक मेडिकल स्टोर संचालक भी सहयोगी
हैरानी की बात है कि पुलिस ने खुद खुलासा किया है कि संजू त्रिपाठी की हत्या की एक माह से प्लानिंग चल रही थी। इस वारदात को अंजाम देने के लिए बाहर से शूटर बुलाए गए थे। इनके कपिल के अमेरी स्थित मकान में रुकने के सबूत मिल चुके हैं। पुलिस को जानकारी मिली है कि हत्यारे यूपी-एमपी के हैं। वारदात कर उसी तरफ भागे हैं। कपिल के साथ उसके एक श्रीवास नाम के दोस्त के साथ होने की जानकारी भी है। शूटर को हायर करने से लेकर शूटर्स को भगाने तक की साजिश रचने में दर्जन भर से अधिक लोगों के नाम हैं। इसमें मुंगेली नाका इलाके के एक मेडिकल स्टोर संचालक का भी नाम सामने आ रहा है।
बड़ी-बडी जमीनों की डील करते थे संजू और कपिल
पता चला है कि अनूपपुर-शहडोल जेल से छूटकर आने के बाद संजू और कपिल त्रिपाठी का शहर में आतंक और बढ़ गया। रंगदारी, गुंडागर्दी कर जमीन खाली कराने और सूदखोरी जैसे काम दोनों भाई साथ मिलकर करते थे। दोनों शहर की विवादित जमीनों का सौदा कराते और लाखों रुपए की कमाई करने लगे थे।
कारोबार में हस्तक्षेप और वर्चस्व की लड़ाई से बढ़ी दूरियां
संजू त्रिपाठी से शहर के कारोबारियों से भी व्यापारिक संबंध था। दरअसल, वह कारोबारियों को संरक्षण देने के नाम पर डील करता था और उनसे एग्रीमेंट करा लेता था। शहर के एक चर्चित मोबाइल कारोबारी से भी संजू त्रिपाठी के बीच लेनदेन को लेकर विवाद था। संजू के साथ मिलकर काम करते-करते उसका कारोबार बंद हो गया। लेकिन, उसकी आड़ में संजू ने लाखों की कमाई की। इसी दौरान उसका भाई कपिल त्रिपाठी भी अपना अलग डील करने लगा था। ऐसे में संजू को लगा कि वह उसके कारोबार में हस्तक्षेप कर रहा है और उसके वर्चस्व को कम करना चाहता है। यहीं से उनके बीच मनमुटाव शुरू हुआ और फिर दूरियां बढ़ने लगी।