बिलासपुर I छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग ने 16 साल की लड़की की शादी रुकवा दी। लड़की मंडप में दुल्हन बनकर बैठी थी और बारात आने की तैयारी चल रही थी। चाइल्ड लाइन और महिला बाल विकास विभाग को इसकी जानकारी हुई, तब टीम पुलिस लेकर पहुंच गई। इस दौरान लड़की के आधार कार्ड की जांच की गई। वहीं, पुलिस को देखकर दोनों पक्ष के लोग हंगामा मचाने लगे, तब उन्हें कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी के साथ समझाइश देकर शांत कराया और शादी रोक दी। मामला पचपेड़ी थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के अनुसार पचपेड़ी क्षेत्र के ग्राम सोन लोहर्सी में 16 साल की लड़की की शादी तय कर दी गई थी। तय कार्यक्रम के अनुसार रविवार को लड़की की बारात आने वाली थी। इस बीच जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम को किसी ने जानकारी दी कि गांव में नाबालिग लड़की की शादी की जा रही है। खबर मिलते ही चाइल्ड की टीम के साथ जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम पुलिस लेकर गांव पहुंच गई, जहां वैवाहिक समारोह की तैयारी चल रही थी। पुलिस को देखकर वहां आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई।
टीम ने मांगा दुल्हन का आधार कार्ड
इस दौरान टीम ने वैवाहिक रस्मों को रुकवाकर दुल्हन का आधार कार्ड दिखाने के लिए कहा। पूछताछ में परिजन लड़की को बालिग बताते रहे, जब आधार कार्ड और स्कूल प्रमाण पत्र की जांच की गई, तब पता चला कि दुल्हन की उम्र 16 साल और दूल्हा 18 साल का है।
शादी रोकने की बात पर मचाया हंगामा
अधिकारियों ने बाल विवाह संबंधी नियम कानून के बारे में समझाइश दी। तब, दुल्हन और दूल्हे के पैरेंट्स हंगामा मचाने लगे और लड़का व लड़की की शादी करने की बात पर अड़े रहे। परिजन सामाजिक बंधन और बदनामी की बात भी करने लगे। तब अधिकारियों ने कहा कि दोनों की शादी उनके बालिग होने पर करा दिया जाएगा। इसके लिए दोनों पक्ष आपस में समझौता कर शपथपत्र तैयार करा लें।
अधिकारी बोलीं- दोनों पक्षों से लिया गया शपथपत्र
जिला बाल संरक्षण इकाई की अधिकारी पार्वती वर्मा ने बताया कि पचपेड़ी क्षेत्र में नाबालिग लड़की शादी होने की जानकारी मिली थी, जिस पर पुलिस के साथ टीम गांव पहुंची। इस दौरान दोनों पक्षों को समझाइश देकर शपथपत्र लिया गया है और उन्हें शादी नहीं करने की चेतावनी दी गई है।