बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर मचा घमासान बढ़ते ही जा रहा है। अनुसूचित जाति का आरक्षण 16% से कम कर 13% करने को लेकर गतिरोध चल रहा है। वहीं, अब सामान्य वर्ग ने भी आरक्षण के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। रविवार की देर शाम युवाओं ने कैंडल मार्च निकालकर आरक्षण पर विरोध जाताया। और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 50% आरक्षण लागू करने की मांग की। इस मांग को लेकर सामान्य वर्ग भी अब बड़े प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।
राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में आरक्षण विधेयक लाकर 76% आरक्षण का सामान्य वर्ग के लोगों ने विरोध किया है। इस संबंध में बैठक कर रविवार को कंपनी गार्डन से नेहरू चौक तक कैंडल मार्च निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि 76% आरक्षण की जगह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 50% ही आरक्षण लागू किया जाए और मौजूदा आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की जाए।
सामान्य वर्ग की चेतावनी
सामान्य वर्ग के लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर बढ़ा हुआ आरक्षण लागू होता है तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन कर प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरक्षित वर्ग के कुछ विशेष वर्ग को सरकारी नियुक्ति में वर्चस्व बढ़ेगा, जो असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता बनी रहे, सरकार को ऐसा निर्णय लेना चाहिए। विरोध-प्रदर्शन में अग्रवाल समाज, ब्राम्हण समाज, क्षत्रिय समाज, सिन्धी समाज, जैन समाज, मुस्लिम समाज, सिख समाज एवं अन्य सामान्य वर्ग के लोग मौजूद रहे।
अनुसूचित जाति वर्ग भी कर रहा है विरोध
प्रदेश में आरक्षण को लेकर अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों ने भी विरोध जताया है। दरअसल, शासन ने अनुसूचित जाति का आरक्षण 16% से कम कर 13% कर दिया है, जिसे लेकर भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा विरोध कर रहा है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने भी आरक्षण का विरोध शुरू कर दिया है। पार्टी के पदाधिकारियों ने जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा दे रहे हैं,और इस मुद्दे को लेकर अब बड़े प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।
संशोधित आरक्षण विधेयक में 76% आरक्षण को मंजूरी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बीते दिनों हुई कैबिनेट की बैठक के बाद आरक्षण का नया कोटा तय कर विधानसभा के पटल पर रख कर मंजूरी दी गई है। सरकार ने जहां आदिवासी वर्ग-ST को उनकी जनसंख्या के अनुपात में 32% आरक्षण देने का फैसला लिया है। वहीं, अनुसूचित जाति-SC वर्ग को पहले से दी जा रही 16% आरक्षण को कम कर 13% कर दिया है। इसके साथ ही सबसे बड़े जातीय समूह बताकर अन्य पिछड़ा वर्ग-OBC को 27% आरक्षण देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 4% आरक्षण देने के लिए विधेयक लाकर प्रारूप को मंजूरी दी है।