Shraddha Murder Case: आफताब ने क्यों चुना सुबह चार बजे का समय? पूछने पर बनाता था बहाने, खुलासे ने चौंकाया

Shraddha Murder Case

नई दिल्ली। श्रद्धा वालकर हत्याकांड की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की टीम को इस सनसनीखेज मामले में अहम सुराग हाथ लगा है। हत्याकांड के ठीक पांच माह बाद का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें आफताब एक बैग कंधे पर डालकर ले जाता हुआ दिख रहा है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि 18 अक्तूबर की सुबह 4.00 बजे से 7.30 बजे के बीच आरोपी ने अपने घर से जंगल की ओर तीन चक्कर लगाए। माना जा रहा है कि उसने श्रद्धा का सिर, हाथों-पैरों की उंगलियों और धड़ के हिस्सों को ठिकाने लगाया। अपने फ्लैट से निकलकर आरोपी हर एक घंटे शव को ठिकाने लगा रहा था। 

Shraddha Murder Case

फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि आफताब बैग लेकर जल्दी में है और कुछ घबराया हुआ भी लग रहा है। पुलिस इस सबूत को जांच में अहम सुराग मान रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आफताब को उसके किए की सजा दिलाने के लिए सभी डिजीटल और फॉरेंसिक सबूत जटाए जा रहे हैं।

Shraddha Murder case

मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि श्रद्धा की 18 मई को हत्या करने के बाद वह उसके शव को धीरे-धीरे ठिकाने लगा। उसने सिर, हाथों-पैरों की उंगलियां और धड़ को फ्रिज में रख दिए। लेकिन इनको ठिकाने लगाने का उसे समय नहीं मिला। 

Shraddha Murder case

वह अपने फ्रिज ताला लगाकर रखता। इस बीच उसे गुरुग्राम में नौकरी लग गई। रात को वह नौकरी पर चला जाता था जबकि दिन में उसकी गर्लफ्रेंड अक्सर उसके फ्लैट पर होती थी। दिन में वह चाहकर भी शव को ठिकाने नहीं लगा सकता था। 

सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान वह कह रहा है कि इस दौरान वह दिमागी रूप से भी शव को ठिकाने लगाने के लिए तैयार नहीं था। 

मृतका श्रद्धा और सीसीटीवी फुटेज में बैग ले जाते कैद हुआ आफताब

मृतका श्रद्धा और सीसीटीवी फुटेज में बैग ले जाते कैद हुआ आफताब – फोटो : एएनआई

करीब पांच माह शव को फ्रिज में रखने के बाद उसने 18 अक्तूबर यानी मंगलवार शव को ठिकाने लगाने का फैसला किया। सुबह 4.00 बजे वह शव को लेकर निकला। सुबह करीब 4.01 बजे वह पहली बार गली में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। 

सीसीटीवी में कैद हुआ आफताब

4 बजे इसलिए, उस समय पुलिस की मूवमेंट सबसे कम होती है 
पुलिस सूत्रों का कहना है कि उसके फ्लैट से जंगल का रास्ता करीब 20 मिनट था। इस दौरान वह तीन बार आता-जाता दिखा। उसने शव को जंगल में ठिकाने लगाने में 4.00 बजे का समय इसलिए चुना, क्योंकि उसे लगता था कि उस समय पुलिस की मूवमेंट सबसे कम होती है।  

श्रद्धा और हत्यारोपी आफताब

अगर कोई उसे रोककर पूछता भी तो वह गुरुग्राम शिफ्ट पर जाने का बहना बनाता। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उसे किसी ने भी नहीं देखा और वह बड़े आराम से अपना काम कर लौट आया।  

Shraddha Murder Case

आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस ने गली में लगे कैमरों की फुटेज खंगाली तो उसे कामयाबी मिल ही गई। अब पुलिस इसे बड़ी कामयाबी मान रही है।