लश्कर का टॉप कमांडर सैफुल्लाह पाकिस्तान में ढेर; RSS मुख्यालय पर हमले का था मुख्य साजिशकर्ता

इस्लामाबाद। आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान में ही एक के बाद एक आतंकियों की हत्या की जा रही है। अब लश्कर-ए-तैयबा के एक और टॉप कमांडर की पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी है। लश्कर-ए-तैयबा और जमात नेता रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मतली फालकारा चौक इलाके में मार दिया गया। कहा जा रहा है कि यहां अज्ञात हमलावरों ने दिन दहाड़े लश्कर के कमांडर को गोलियों से छलनी कर दिया। 

पाकिस्तान सरकार ने मुहैया कराई थी सुरक्षा 
अधिकारियों ने बताया कि रजाउल्ला को पाकिस्तान सरकार ने सुरक्षा भी मुहैया कराई हुई थी। वह रविवार दोपहर को सिंध के मतली स्थित अपने घर से कहीं जाने के लिए बाहर निकला था। एक क्रॉसिंग के पास अज्ञात बंदूकधारियों ने रजाउल्ला की गोली मारकर हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सैफुल्ला को गोली लगने के बाद अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इन रिपोर्ट में इसे आपसी रंजिश का मामला भी बताया गया है। लश्कर आतंकी अबू अनस का करीबी सैफुल्ला आरएसएस मुख्यालय पर हमले का मास्टरमाइंड था। आरएसएस मुख्यालय पर हमला करने वाले तीनों आतंकवादी मार गिराए गए थे। आरएसएस मुख्यालय पर हमले की साजिश रचने के अलावा सैफुल्ला 2005 में बंगलूरू में भारतीय विज्ञान संस्थान पर हुए आतंकी हमले में भी शामिल था। इस हमले में आईआईटी के प्रोफेसर मुनीश चंद्र पुरी मारे गए थे और चार अन्य घायल हो गए थे। आतंकी हमले के बाद घटनास्थल से भाग निकले थे। बाद में पुलिस ने मामले की जांच की और अबू अनस के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। अनस अभी फरार है। सैफुल्ला 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था। इस हमले में सात जवान और एक नागरिक मारे गए थे। दोनों आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले थे।

 नेपाल में लंबे समय तक छिपकर रहा
सैफुल्लाह लंबे समय तक नेपाल में फर्जी पहचान के साथ छिपकर रहा था और अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहा था। भारतीय खुफिया एजेंसियों को सैउल्लाह के नेपाल में छिपे होने की जानकारी हुई तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया। फिलहाल वह मतली से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा था। वह मुख्य तौर पर लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के लिए फंड जुटाने का काम करता था। सैफुल्ला लश्कर के तथाकथित ‘लांचिंग कमांडरों’ आजम चीमा उर्फ बाबाजी और याकूब (लश्कर का मुख्य लेखाकार) के साथ मिलकर काम कर रहा था। 


कई आतंकियों को मार चुके हैं अज्ञात बंदूकधारी
पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों के दौरान अज्ञात बंदूकधारी कई आतंकियों को मौत के घाट उतार चुके हैं। इस साल मार्च में अज्ञात बंदूकधारियों ने लश्कर आतंकी फैजल नदीम उर्फ अबु कताल सिंधी की हत्या कर दी। कहा जाता है कि अबु कताल लश्कर सरगना हाफिज सईद का भतीजा था। कताल ने ही पिछले साल 9 जून को रियासी के शिव खोड़ी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों की बस पर हमला कराया था। सूत्रों का कहना है कि अज्ञात बंदूकधारियों के हाथों मारे गए आतंकियों की सूची लंबी है। हालांकि इनमें से कुछ नाम लश्कर आतंकी मौलाना काशिफ अली, आईएसआई का अंडरकवर एजेंट मुफ्ती शाह मीर, आतंकी सरगना मसूद अजहर का करीबी रहीम उल्लाह तारिक, लश्कर आतंकी अकरम गाजी, ख्वाजा शाहिद जियाउर रहमान, हिजबुल आतंकी बशीर अहमद पीर, जैश-ए-मोहम्मद आतंकी जहूर इब्राहिम आदि हैं।