नईदिल्ली I आफताब अमीन पूनावाला, ये वो नाम है जो पिछले तीन दिनों से सुर्खियों में घूम रहा है और इसी शख्स के कहने पर घूम रही है दिल्ली पुलिस की वो टीम, जिस पर श्रद्धा हत्याकांड का खुलासा करने की जिम्मेदारी है. आफताब की रिमांड की मियाद पूरी होने को आई है, लेकिन अभी तक उसके खिलाफ पुलिस को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल सका है, जो ये साबित कर सके कि कत्ल आफताब ने किया है. पुलिस के पास अगर कोई चीज है तो वो है खुद आफताब और उसका कबूलनामा. वो आफताब जो पुलिस को अपने खुलासों से इधर-उधर घुमा रहा है और उसका वो कबूलनामा, जो केस की ट्रायल के दौरान बिना सबूतों के अदालत के सामने ज्यादा दिन तक टिक भी नहीं पाएगा.
यही वजह है कि पुलिस को अब लग रहा है कि इस केस की जांच कर रही दिल्ली पुलिस आफताब के बुने जाल में फंस रही हैं और उसके इशारों पर नाच रही है. चार दिनों की पूछताछ के बाद भी केस से जुड़ा सबसे अहम सबूत यानी आला-ए-कत्ल, वो हथियार जिसका इस्तेमाल कत्ल को अंजाम देने के लिए हुआ वो नहीं मिला. न ही वो कपड़े मिले हैं, जो श्रद्धा ने आखिरी समय में पहने थे. श्रद्धा के उस मोबाइल तक भी पुलिस नहीं पहुंच सकी है, जिसका इस्तेमाल आफताब उसके मरने के बाद भी कर रहा था. श्रद्धा के कत्ल के पीछे का असली मकसद भी अभी तक पुलिस को नहीं पता चल सका है. इसी लिए दिल्ली पुलिस ने कोर्ट का रुख किया है, ताकि आरोपी का नार्को टेस्ट करवाकर सच्चाई उगलवाई जा सके.
शुरुआत से दो सूबों की पुलिस को चकमा दे रहा आफताब
आफताब शुरुआत से ही दो सूबों की पुलिस मुंबई और दिल्ली दोनों को चकमा दे रहा था. दिल्ली पुलिस और मुंबई पुलिस को आफताब ने बताया था कि 22 मई को श्रद्धा झगड़ा कर घर छोड़कर चली गई थी. आफताब ने ये भी बताया था कि वो सिर्फ अपना फोन लेकर गई, जबकि कपड़े और बाकी सामान यहीं छोड़ गई. लेकिन, पुलिस को आफताब के इस बयान पर जरा भी यकीन नहीं था. पुलिस में जब आफताब और श्रद्धा की कॉल डिटेल और लोकेशन चेक की तो कई चौकाने वाले खुलासे हुए.
एक चूक फिर तोते की तरह बोलने लगा आफताब, लेकिन…
जांच में पुलिस को पता चला कि 26 मई को श्रद्धा के नेट बैंकिंग एप से आफताब के एकाउंट में 54 हजार रुपए ट्रांसफर हुए थे, जबकि आफताब ने पुलिस को बताया था कि 22 मई से वो श्रद्धा के संपर्क में नहीं है. बस फिर क्या था आफताब की यही पहली सबसे बड़ी चूक थी, जिसने उसे खुद के बुने जाल में फंसा दिया. इतना ही नहीं, 31 मई को श्रद्धा के इंस्टाग्राम अकाउंट से उसके दोस्त के साथ एक चैट भी सामने आई थी. जब पुलिस ने श्रद्धा के फोन का लोकेशन निकाला तो वह दिल्ली के महरौली थाना इलाके का निकला.
26 मई को जो मनी ट्रांजेक्शन हुआ था उसका लोकेशन भी महरौली थाना इलाका ही निकला था. जब आफताब से पुलिस ने पूछा कि जब वो 22 मई को घर छोड़कर चली गई थी तो इसके बावजूद उसकी लोकेशन महरौली क्यों आ रही है? इसका जवाब आफताब नहीं दे पाया और पुलिस के सामने टूट गया, जिसके बाद उसने श्रद्धा के कत्ल की पूरी खौफनाक कहानी खुद ब खुद बयां कर दी. हालांकि जो कहानी आफताब ने उगली, उसपर सिर्फ पुलिस भटक ही रही है, लेकिन कोई पुख्ता सबूत नहीं ढूंढ पाई है.