शिमला : हिमाचल प्रदेश में सत्ता की वापसी का रिवाज बदलेगा या नहीं, इसका निर्णय शनिवार को हो जाएगा। 14वीं विधानसभा के लिए चुनाव में 412 प्रत्याशियों का भविष्य तय करने के लिए 54.85 लाख लोग मतदान करेंगे। 67,538 सर्विस वोटर और 38,189 दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाता बैलेट पेपर से मतदान कर चुके हैं। करीब 2000 बुजुर्गों व दिव्यांगों ने सहमति के बाद भी मतदान नहीं किया। ये अब मतदान नहीं कर पाएंगे। चुनाव परिणाम के लिए 25 दिन का इंतजार करना होगा क्योंकि मतों की गणना आठ दिसंबर को होगी। चुनाव में 24 महिला व 388 पुरुष प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें 99 निर्दलीय प्रत्याशी भी भाग्य आजमा रहे हैं। मतदान के लिए सभी प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं। पोलिंग पार्टियां केंद्रों पर पहुंच गई हैं। शनिवार को सुबह आठ से सायं पांच बजे तक मतदान होगा। पांच बजे तक कतार में खड़े मतदाता इसके बाद भी वोट डाल सकेंगे। इस बार 18-19 आयु वर्ग के 1,93,106 नए मतदाता हैं। 80 से अधिक आयु वर्ग के 1,21,409 वरिष्ठ मतदाता हैं, जबकि 56,501 दिव्यांग मतदाता हैं।
97 प्रतिशत दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाता कर चुके मतदान
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार करीब 40 हजार दिव्यांगों और बुजुर्गों को घर-घर जाकर मतदान की सुविधा दी गई। इसमें करीब 40 हजार ने सहमति दी थी लेकिन मतदान 38,189 ने किया। राज्य में 67,538 सर्विस वोटर भी पोस्टल बैलेट से मतदान कर चुके हैं।
भाजपा व कांग्रेस 68, आप 67 सीट पर चुनाव लड़ रही
भाजपा व कांग्रेस ने सभी 68 विधानसभा सीट पर प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि आप 67 सीट पर चुनाव लड़ रही है। आप की एक प्रत्याशी भाजपा में शामिल हो गई थी। बहुजन समाजवादी पार्टी के 53, राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी के 29, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 11, हिमाचल जन क्रांति पार्टी के छह, हिंदू समाज पार्टी तथा स्वाभिमान पार्टी के तीन-तीन, हिमाचल जनता पार्टी, भारतीय वीर दल, सैनिक समाज पार्टी तथा राष्ट्रीय लोकनीति पार्टी तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का एक-एक प्रत्याशी है।
136 आदर्श मतदान केंद्र , 142 महिलाओं के हवाले
प्रदेश में 136 आदर्श मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें प्रतीक्षा कक्ष के अतिरिक्त कई प्रविधान किए हैं। इनमें सुगमता से पहुंचा जा सकेगा। साइन बोर्ड के साथ पेयजल व शौचालय सुविधा और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होगी। 142 मतदान केंद्रों का जिम्मा महिलाओं को सौंपा गया है। इनमें महिला सुरक्षा कर्मी और बूथ पर मतदान करवाने वाली महिलाएं ही होंगी। 37 मतदान केंद्रों संचालन का जिम्मा दिव्यांगों को दिया है।