रायपुर। हिमाचल प्रदेश के चुनावी दौरे से लौटते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह पर जमकर निशाना साधा है। मीडिया से चर्चा में उन्होंने सवाल उठाए कि आखिर डा. रमन सिंह और उनके बेटे की संपत्ति 1500 गुना कैसे बढ़ गई? उत्तराखंड के गढ़मुक्तेश्वर में जो रिसार्ट है, वो किसका है? मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने छत्तीसगढ़ को लूटने का काम किया है। चिटफंड कंपनी में लगातार घोटाले हुए, रमन सिंह, उनके बेटे और पत्नी चिटफंड के कार्यालयों का उद्घाटन करते रहे। संवैधानिक पद पर बैठे लोग भी रोजगार मेला लगाकर एजेंट को सर्टिफिकेट बांटते रहे।
बघेल ने सवाल किया कि चिटफंड कंपनियों के जो कार्यालय बंद हो गए थे, उन्हें फिर से क्यों शुरू करवाया गया। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि रमन सिंह को दौरा करने से रोक दिया गया है। वह केवल इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। रोज कुछ ना कुछ बयान दे देते हैं। मुख्यमंत्री ने पूछा कि नान घोटाले में सीएम यदि चिंतामणि हैं, तो सीएम मैडम कौन हैं? यदि चिंतामणि हैं तो रमन सिंह बताएं कि उसे आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? उसके नाम से न्यायालय में जो दस्तावेज प्रस्तुत किया गया, उसमें उसका उल्लेख क्यों नहीं है?
ईडी की कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि रमन सिंह और भारतीय जनता पार्टी से पूछना चाहूंगा कि शिवसेना नेता संजय राउत के मामले में जो बात देवेंद्र फडणवीस ने कही थी, वहां ईडी ने उन पर केस लगाया। यहां आप देखेंगे कि रमन सिंह का बयान पहले आता है और ईडी की प्रेस विज्ञप्ति बाद में। आखिर भारतीय जनता पार्टी और ईडी का कनेक्शन क्या है। वह प्रवक्ता की तरह कैसे बात करते हैं।
आदिवासी आरक्षण का उपचुनाव से कोई लेना-देना नहीं
एक-दो दिसंबर को विधानसभा सत्र बुलाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भानुप्रतापपुर उपचुनाव से इसका कोई लेना-देना नहीं है। आदिवासी हितों पर कुठाराघात भाजपा करती रही है। अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 20 से 32 प्रतिशत कब की है, सरकार बने आठ साल होने के बाद भी ठीक से इसके तथ्य नहीं रखे। ननकीराम कंवर रिपोर्ट को भी कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किया। जितनी जनसंख्या है, सविधान में जिनको अधिकार मिला है, वह मिलता रहेगा। हम कभी उससे पीछे नहीं हटे हैं।