मैनपुरी। मृत्युंजय सेवा आश्रम अमरकंटक और देवी संपद मंडल मैनपुरी संस्था के प्रमुख संत महामंडलेश्वर स्वामी शारदानंद सरस्वती का निधन हो गया। परमहंस स्वामी शारदानंद सरस्वती की तबीयत अचानक प्रयागराज में खराब हो गई थी, जिन्हें रविवार को मेदांता अस्पताल ले जाया गया, जहां देर रात उन्होंने आखिरी सांस ली।
उनका पार्थिव देह आज मैनपुरी के एकरसानन्द आश्रम में रखा जाएगा जहां शाम 4 बजे उत्तरप्रदेश के मैनपुरी में एकरसानन्द आश्रम में उनको समाधि दी जाएगी। स्वामी शारदानंद के ब्रम्हलीन होने से अमरकंटक के साधु समाज और वहां के लोगों में शोक की लहर है।
शारदानंद का निधन आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति
बता दें कि अमरकंटक के प्रमुख आश्रमों मे से एक मृत्युंजय आश्रम है जिसकी स्थापना भी स्वामी शारदानंद सरस्वती ने कराई थी। वे देवी संपद मंडल के अध्यक्ष भी थे और केंदई स्थित स्वामी भजनानंद आश्रम में हर साल आदिवासी जोड़ों के विवाह की शुरुआत की थी।
इसके साथ ही कई बड़े यज्ञों का आयोजन संपन्न कराने वाले स्वामी शारदानंद सरस्वती के निधन से कोरबा, कटघोरा,बिलासपुर, अमरकंटक, पेंड्रा सहित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में उनके अनुयायियों में शोक देखा जा रहा है।