रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन घोटाले की जांच में जुटे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच का दायरा बढ़ाकर दस जिलों तक पहुंचा दिया है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, भिलाई, महासमुंद, कोरबा, रायगढ़ से शुरू हुई जांच अब बस्तर तक पहुंच गई है। ईडी की टीम ने गरियाबंद, कांकेर, नारायणपुर, सुकमा और कोंडागांव में जांच शुरू की है। यह जांच ईडी के राडार में आए तीन आएएस रानू साहू, समीर बिश्नोई और जेपी मौर्या से संबंधित है। तीनों जहां-जहां कलेक्टर थे, वहां-वहां जांच शुरू की गई है।
ईडी के सूत्रों की मानें तो समीर बिश्नोई के पास मिली राशि के आधार पर उनके कार्यक्षेत्र में हुए भ्रष्टाचार की जांच की जा रही है। छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) के दफ्तर में भी ईडी की टीम समीर से मिले इनपुट के आधार पर पहुंची थी। वहीं, घोटाले के मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी की तलाश में भी ईडी की टीम प्रदेशभर में जाल फैलाए हुए है।
ईडी के सूत्रों की मानें तो कलेक्टर रानू साहू ने रायपुर के एक जमीन दलाल के माध्यम से करोड़ों रुपये की जमीन खरीदी है। इस खरीदी में हुई डील को लेकर ईडी की टीम रायपुर के स्टेशन रोड स्थित एक जमीन दलाल से पूछताछ कर रही है। हालांकि ईडी ने इसकी अधिकृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। इस बीच, आइएएस समीर बिश्नोई, कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी की रिमांड पूरी हो गई है। समीर सहित तीनों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। बताया जा रहा है कि ईडी तीनों की रिमांड बढ़ाने के लिए आवेदन करेगी।
चिप्स से समीर की छुट्टी, आइएएस रीतेश बने सीईओ
राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) के सीईओ समीर बिश्नोई की छुट्टी कर दी है। ईडी के रिमांड पर लेने के सात दिन बार सामान्य प्रशासन विभाग ने चिप्स के सीईओ के पद पर आइएएस रीतेश अग्रवाल को पदस्थ किया है। रीतेश वर्तमान में पाठ्य पुस्तक निगम के एमडी हैं। दस दिन पहले ही रीतेश को जशपुर कलेक्टर के पद से हटाकर पाठ्य पुस्तक निगम में पदस्थ किया गया था।