रायपुर। मिशन 2023 में जुटी राजनीतिक पार्टियां प्रशासनिक जिले के अनुसार संगठन का विस्तार करने में जुटी हुई हैं। भाजपा ने 5 नए संगठन जिले की घोषणा कर दी है। साथ ही इन जिलों के लिए जिलाध्यक्ष के नाम भी तय कर दिए हैं। इस तरह भाजपा में अब 35 संगठन जिले हो गए हैं, जबकि पहले संगठन जिले 30 ही थे। दूसरी तरफ, उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस इस माह के अंत तक संगठन जिलों और जिलाध्यक्ष के नाम तय कर देगी।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस भी पांच नए संगठन जिले बनाएगी। इस तरह कांग्रेस के 40 संगठन जिले हो जाएंगे, जबकि अभी कांग्रेस में 35 संगठन जिले हैं। बता दें कि प्रशासनिक स्तर पर अभी राज्य में 33 जिले हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक भूपेश सरकार ने 6 नए जिले बनाए हैं। गौरेला- पेंड्रा- मरवाही इस सरकार द्वारा बनाया गया पहला जिला था। जोगी कांग्रेस के अध्यक्ष अजीत जोगी के निधन से खाली हुए इस सीट के लिए हुए उप चुनाव से पहले दोनों राजनीतिक दलों ने इस जिले में जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिया था।
कांग्रेस का कार्यक्षेत्र भी बदलेगा
नए जिलों के अनुसार ही अब मंडल और बूथ स्तर पर भी संगठन जिलों के कार्यक्षेत्र में बदलाव होगा। कांग्रेस में इस बार मंडल स्तर पर भी संगठन खड़ा करने की तैयारी है। कांग्रेस में जिला- ब्लॉक- मंडल और बूथ स्तर पर कार्यकारिणी बनेगी। जबकि भाजपा में जिला- मंडल- शक्ति केंद्र और बूथ स्तर पर कार्यकारिणी होगी। भाजपा ने नए संगठन जिलों के विस्तार को ध्यान में रखते हुए प्रारंभिक बैठकें पहले ही कर चुकी है।
भाजपा ने 5 नए जिलाध्यक्ष नियुक्त किए
दूसरी तरफ, भाजपा में भी संगठन स्तर पर बदलाव की बयार चल रही है। विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर पहले प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी में बदलाव किया गया। बाद में प्रदेश प्रभारी को भी बदल दिया गया। एक दिन पहले पार्टी ने जिलों में भी बदलाव कर दिया है। पार्टी ने आठ जिलों में जिलाध्यक्ष बदल दिए हैं जबकि पांच नए संगठन जिलों के लिए जिलाध्यक्ष भी तय कर दिए हैं।
चार साल में बने 6 नए जिले
राज्य बनने के समय छत्तीसगढ़ में 16 जिले थे। भाजपा के 15 साल के शासनकाल में 11 नए जिले बने। पिछले चुनाव में जब राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी, उस समय यहां 27 जिले थे। पिछले चार साल में प्रदेश में 6 नए जिले बने हैं। इसमें पेंड्रा- गौरेला- मरवाही, मोहला- मानपुर- चौकी, सारंगढ़- बिलाईगढ़, खैरागढ़- छुईखदान- गंडई, सक्ती और मनेन्द्रगढ़ शामिल हैं।
अक्टूबर अंत तक कांग्रेस में नई टीम
कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष से लेकर जिले और मंडल तक नई कार्यकारिणी गठित की जानी है। प्रदेश अध्यक्ष तय होने के बाद जिलों में फेरबदल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह पूरी कवायद इस माह के अंत तक पूरी कर ली जाएगी।