कोरबा। जिले में शनिवार को CISF जवानों और SECL कर्मचारियों के बीच जमकर लात-घूंसे चले। CISF जवानों ने दीपका परियोजना में काम कर रहे माइनिंग अधिकारी को डीजल चोर समझकर पकड़ा और एक घंटे तक उसकी जमकर पिटाई कर दी। इस घटना का पता चलते ही एसईसीएल कर्मचारी भड़क गए।
दीपका परियोजना के MTK-2 नंबर पर सुबह की शिफ्ट में काम करने के लिए जब कर्मचारी पहुंचे, तो पीड़ित नीलेश कुमार ने बताया कि उसे डीजल चोर कहकर जमकर जवानों ने मारा है। जिसके बाद SECL कर्मचारियों का गुस्सा भड़क गया। इसके बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों और उनके बीच जमकर मारपीट हुई। बाद में प्रबंधन ने दोनों के बीच सुलह कराई। दीपका परियोजना में नीलेश कुमार माइनिंग ऑफिसर हैं। उस पर डीजल चोरी का आरोप लगाते हुए CISF जवानों ने बंधक बना लिया था और उसके साथ मारपीट की गई थी। वो अपना परिचय देता रहा, लेकिन जवानों ने उसकी एक बात नहीं सुनी।
घटना के बाद भड़के SECL कर्मचारी।
घटना की जानकारी लगने पर पहले तो CISF जवानों और SECL कर्मचारियों के बीच बहस हुई और इसके बाद नौबत मारपीट तक पहुंच गई। CISF जवानों ने कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। मामले की जानकारी लगने के बाद परियोजना अधिकारी मनोज सिंह मौके पर पहुंचे और दोनों के बीच तनाव को शांत कराया। SECL के कर्मचारियों का कहना है कि खदान में 3 शिफ्ट चलती है, जिसमें अलग-अलग खदान क्षेत्रों में कर्मचारियों का काम बंटा हुआ है।
CISF जवानों के और जवानों को मौके पर भेजा गया।
एसईसीएल कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि CISF जवान डीजल चोर, कबाड़ चोर, लोहा चोर या कोयला चोर पर तो कभी कार्रवाई करते नहीं, लेकिन जो कर्मचारी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, उन्हें परेशान और उनके साथ बदसलूकी करते हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने कई बार SECL प्रबंधन से मामले की शिकायत की है, लेकिन अब तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि अगर आगे इसी तरह से चलता रहा, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
एसईसीएल कर्मचारियों ने लगाया जवानों पर आरोप।
इधर घटना का पता चलते ही कमांडेंट ने मौके पर और CISF जवानों को भेजा। हालांकि खान प्रबंधक मनोज कुमार ने कहा कि गलतफहमी की वजह से पूरी घटना हुई है। फिलहाल मामले को शांत करा लिया गया है। माइनिंग ऑफिसर नीलेश कुमार शुक्रवार की रात 10 बजे से शनिवार की सुबह 6 बजे तक ड्यूटी पर थे। ड्यूटी खत्म होने से पहले कार्यस्थल पर वे रिपोर्ट तैयार कर रहे थे कि आने वाले शिफ्ट के माइनिंग अधिकारी को उसे दे सकें। इसी बीच उनके साथ मारपीट की घटना हुई। ओवरमैन सर्टिफिकेट पास होने पर उन्होंने जवानों को माइनिंग सरदार का काम करना बताया, लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया गया।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान।
इधर कोयला खदान मजदूर संघ ने घटना को गंभीर बताते हुए एक बैठक बुलाई है। इसमें इस बात पर भी चर्चा की जाएगी कि किस तरह से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तैनाती के बाद भी डीजल, लोहा और कोयला चोरी हो रही है। भले ही प्रबंधन ने मामले को शांत करा लिया है, लेकिन कोलकर्मियों में भी घटना को लेकर भारी आक्रोश है।