रायपुरः लेडी डॉन का जेल में आतंक, महिला प्रहरी को इतना पीटा कि हाथ में लगवाना पड़ा प्लास्टर; गिरफ्तारी से बचने खाया कांच, फाड़े थे कपड़े 

रायपुर। पुरानी बदमाश मोनिका सचदेव इन दिनों जेल में है, मगर उसने वहां भी कांड कर दिया। मोनिका ने महिला प्रहरी को इस कदर पीटा है कि उसके हाथ में प्लास्टर करना पड़ गया। मोनिका ने इस दौरान महिला प्रहरी को खूब डराया धमकाया है। इस मामले में शनिवार को रायपुर की पुलिस मोनिका के खिलाफ एक और केस दर्ज किया है। मोनिका के खिलाफ पहले ही कोतवाली, सिविल लाइंस जैसे थानों में कई केस दर्ज हैं।

मोनिका जेल के अंदर भी अपनी डॉन गिरी दिखा रही है। कभी दूसरी कैदियों को धमकाती है तो कभी जेल में तैनात सुरक्षाकर्मियों से उलझ जाती है। इसी चक्कर में अब इसने महिला जेल प्रहरी को पीटा है। दरअसल महिला जेल प्रहरी माधुरी वर्मा ने मोनिका को अनुशासन में रहने को कहा। जेल के भीतर के कायदों को अपनाने को कहा, ये बात मोनिका को रास न आई, उसने पहले तो माधुरी के साथ बहस शुरू की और मौका पाकर उस पर हमला कर दिया।

प्लास्टर बंधा हाथ लिए घूम रही जेल प्रहरी माधुरी।

प्लास्टर बंधा हाथ लिए घूम रही जेल प्रहरी माधुरी।

सूत्रों के मुताबिक दूसरी कैदियों के सामने ही मोनिका ने माधुरी को पटका और लातों से पीटती रही। बीच-बचाव करने आए जेल के दूसरे कर्मचारियों ने मुश्किल से माधुरी को वहां से निकाला। माधुरी ने जांच करवाई तो डॉक्टर ने हाथ में प्लास्टर करने को कहा। अब गर्दन से प्लास्टर बंधा हाथ लटकाए माधुरी गंज थाने पहुंची और पुलिस को सारी बात बताकर मोनिका के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।

पिछले महीने ही हुई है गिरफ्तार
मोनिका सचदेव कोतवाली इलाके की निगरानीशुदा बदमाश है। आए दिन जेल जाना, पुलिस की हिरासत में रहना इस महिला के लिए आम बात है। ये कई तरह के अवैध धंधों, गांजे की तस्करी, लोगों को धमकाना, मार-पीट जैसे मामलों में आरोपी रही है। बीते 2 अगस्त को सिविल लाइंस थाने की पुलिस इसे गिरफ्तार किया। गांजे की तस्करी के एक मामले में पुलिस ने कुछ दिन पहले 9 बदमाशों को पकड़ा था। उनसे मोनिका भी जुड़ी हुई थी।

इस केस में पुलिस को गिरफ्तार हुए लोगों के कब्जे से कुल 24.916 किलोग्राम 2.50 लाख रुपए का गांजा, 7400 नाइट्रोसन-10 नशीली टेबलेट जिनकी कीमत 44,030 है, 24000 अल्फाजोलम नशीली टेबलेट जिसकी कीमत 5,40,224 है, 2750 पेंटाजोसिन नशीली इंजेक्शन जिसकी कीमत 66,660, 220 ग्राम चरस जिसकी कीमत 2 लाख है मिले थे। इसी केस में मोनिका पिछले महीने गिरफ्तार हुई और अब जेल की प्रहरी को पीटने का कांड कर दिया।

जब कांच के टुकड़े चबा गई थी लेडी डॉन
5 साल पहले पुलिस ने एक मामले में मोनिक को गिरफ्तार किया था। तब मोनिका बैरनबाजार ओसीएम चौक में रहती थी। मोनिका के साथ उसके साथी मोहम्मद अशरफ और मोहम्मद मुशतईन को गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि उन्होंने मोनिका के कहने पर कालीबाड़ी के अरविंद गुप्ता नाम के आदमी से 50 हजार मांगे और मारपीट की। जब इस केस में मोनिका को पकड़ने पुलिस उसके घर गई थी तब मोनिका सचदेव ने गिरफ्तारी के बाद जमकर हंगामा किया।

वह किसी भी सूरत में पुलिस के साथ जाने को तैयार नहीं हो रही थी। महिला पुलिस कर्मियों की मदद से उसे किसी तरह घसीटकर गाड़ी में बिठाया गया। उसने चूड़ियां फोड़ीं और उसके टुकड़े चबा लिए। उसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। कोर्ट परिसर में भी वह अपनी गिरफ्तारी का विरोध करती रही। बड़ी मुश्किल से इलाज के बाद उसे जेल भेजा जा सका था।

मोनिका की बहन पूजा को भी पकड़ने गई पुलिस हुई थी परेशान।

मोनिका की बहन पूजा को भी पकड़ने गई पुलिस हुई थी परेशान।

बहन भी क्रिमिनल, कपड़े फाड़कर डराती है पुलिस को
मोनिका की बहन पूजा का भी क्राइम रिकॉर्ड रहा है। उसे भी कई बार पुलिस ने पकड़ा। दोनों के खिलाफ आए दिन पुलिस को कोई न कोई शिकायत मिला करती थी। पुलिस उनके ओसीएम चौक स्थित मकान में जब भी उन्हें पकड़ने जाती तो वे पुलिस के जवानों पर ही रेप करने की कोशिश के साथ अन्य मामलों में फंसाने की धमकी देती थीं।

पुलिस नशा कारोबार और सट्टा के मामले में जब छापा मारती तो ये बहनें कपड़ा उतारकर पुलिसवालों को फंसाने की धमकी देकर उन्हें भगा देती थीं। इस कारण पुलिस ने इन्हें कई बार चेतावनी देकर छोड़ा। मोनिका के पिता आरटीओ में कर्मचारी थे। दोनों बहनों की 15-18 की उम्र के दौरान ही पिता की मौत हो गई। इनके पुश्तैनी घर में कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया। इसके बाद मां का भी देहांत हो गया और इसके बाद इन बहनों के कांड की शिकायतों से थानों का रजिस्टर रंगता चला गया।