नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस बड़े बदलाव की ओर अग्रसर है। दशकों बाद वह गैर गांधी को अध्यक्ष चुन सकती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस की मौजूदा अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान के सीएम व वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत से अध्यक्ष बनने की पेशकश की है। हालांकि, गहलोत कई बार कह चुके हैं कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाया जाए। हाल ही में उन्होंने यह भी कह दिया था कि राहुल अध्यक्ष नहीं बने तो पार्टी में निराशा आएगी और कई लोग घर बैठ जाएंगे।
कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव 21 सितंबर तक होना है। इसका विस्तृत कार्यक्रम पार्टी जल्द जारी करने वाली है। इसी बीच, एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सोनिया गांधी ने मंगलवार को राजस्थान के सीएम गहलोत से अपने आवास पर मुलाकात की। समझा जाता है कि इसमें उन्होंने गहलोत से पार्टी की बागडोर संभालने का आग्रह किया। सोनिया गांधी ने गहलोत से यह भी कहा कि वह खराब स्वास्थ्य के चलते पार्टी की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकती।
हालांकि, गहलोत ने फिर दोहराया कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद के लिए सर्वसम्मत पसंद हैं। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अहमदाबाद जाते वक्त दिल्ली एयरपोर्ट पर गहलोत ने कहा कि वह बार बार कह रहे हैं कि राहुल गांधी जी के अध्यक्ष बनने पर ही पार्टी का पुनर्गठन हो सकेगा। उनके अध्यक्ष बने बगैर नेता व कार्यकर्ता निराश हो जाएंगे। हम राहुल गांधी पर लगातार दबाव डालेंगे कि वे पार्टी अध्यक्ष का पद संभालें।
राहुल अडिग तो कोई बाध्य नहीं कर सकता : दिग्विजय सिंह
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यदि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनने के लिए अडिग हैं तो कोई उन्हें बाध्य नहीं कर सकता।
एक तीर से दो निशाने: गहलोत अध्यक्ष बने तो पायलट हो सकते हैं सीएम
सोनिया गांधी की गहलोत से की गई पेशकश के दो मतलब हो सकते हैं। एक तो यह कि राजस्थान में पार्टी के असंतोष को दबाने के लिए गहलोत को पदोन्नति देकर पार्टी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है और लगे हाथ सचिन पायलट को सीएम पद देकर नए चेहरे के साथ राजस्थान के चुनावी मैदान में उतरा जा सकता है। इस तरह पार्टी राजस्थान को भी साध देगी और राष्ट्रीय स्तर पर गैर गांधी को अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस में बड़े बदलाव का सूत्रपात कर सकेगी।