बलूचिस्तान ने किया पाकिस्तान से आजाद होने का एलान, भारत और विश्वभर से मांगा समर्थन

'Balochistan is not Pakistan', Baloch leader declared independence, sought support from India and the world

बलूचिस्तान। बलूचिस्तान ने पाकिस्तान से आजाद होने का एलान किया है। बलूच नेता मीर यार बलूच ने बुधवार को राज्य में दशकों से हो रही हिंसा, जबरन गायब किए जाने और मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान से स्वतंत्रता का एलान किया। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं हैं। उन्होंने भारत और वैश्विक समुदाय से आजादी के लिए समर्थन देने की मांग की। 

उन्होंने एक्स पर लिखा कि बलूचिस्तान के लोगों ने अपना फैसला दे दिया है। अब दुनिया को चुप नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के लोग सड़कों पर हैं। उनका कहना है कि तुम मारोगे हम टूटेंगे, हम नाक बचाएंगे आओ हमारा साथ दो। बलूच लोगों का राष्ट्रीय फैसला है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है और दुनिया अब मूक दर्शक नहीं रह सकती। उन्होंने भारतीय नागरिकों ने अपील की कि वे बलूचों को पाकिस्तान के अपने लोग न कहें। हम पाकिस्तानी नहीं हैं। हम बलूचिस्तानी हैं। पाकिस्तान के अपने लोग पंजाबी हैं। जिन्होंने कभी हवाई बमबारी, जबरन गायब किए जाने और नरसंहार का सामना नहीं किया। 

बलूच नेता मीर यार बलूच ने भारत के पाकिस्तान से पीओके खाली करने की कहने के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि  बलूचिस्तान भारत द्वारा 14 मई 2025 को पाकिस्तान से पीओके खाली करने के लिए कहने के फैसले का पूरा समर्थन करता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान से तुरंत पीओके छोड़ने का आग्रह करना चाहिए ताकि ढाका में उसके 93000 सैन्यकर्मियों को आत्मसमर्पण के एक और अपमान से बचाया जा सके। भारत पाकिस्तानी सेना को हराने में सक्षम है और अगर पाकिस्तान ने कोई ध्यान नहीं दिया तो केवल पाकिस्तानी लालची सेना के जनरलों को ही रक्तपात के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान पीओके के लोगों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।

मीर यार बलूच ने कहा कि दुनिया को पाकिस्तान के एकतरफा बयान पर भरोसा नहीं करना चाहिए। पाकिस्तान बलूचिस्तान के नेता के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर और 27 मार्च 1948 को बलूचिस्तान के पाकिस्तान में शामिल होने के समारोह में अंतरराष्ट्रीय या तीसरे देश की भागीदारी को साबित करने वाला एक भी कागज और कानूनी दस्तावेज पेश नहीं कर सका। 

उन्होंने कहा कि एक बार जब हमें संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता और स्वतंत्रता मिल जाएगी तो हम अपने आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए मैत्रीपूर्ण और दीर्घकालिक संबंध बनाएंगे, शांति बनाए रखेंगे और वैश्विक आर्थिक मंदी को रोकने, जलवायु परिवर्तन और गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने में मदद करेंगे।