रायपुर। लोगों के पास खूबसूरत लड़कियों के वीडियो कॉल आ रहे हैं। वीडियो कॉल के दौरान लड़कियां अश्लील हरकत करती स्क्रीन पर नजर आती हैं। इसी तरह से लोगों को झांसे में ले लिया जाता है, प्यार भरी बातें की जाती है, और लोगों को ठगी का शिकार बना लिया जाता है। अब इस तरह के डिजिटल फ्रॉड या साइबर ठगी के मामलों से लोगों को बचाने के लिए रायपुर की पुलिस ने अभियान शुरू किया है।
रायपुर के एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि इस तरह की कई शिकायतें उनके पास पहुंची हैं। यहां लोगों को फर्जी न्यूड कॉल आते हैं। उसके बाद लोगों के प्राइवेट मोमेंट के वीडियो कॉल के जरिए रिकॉर्ड कर लिए जाते हैं। फिर शुरू होता है ब्लैक मेलिंग का खेल। फेक आईडी और लुभावनी बातों के साथ दोस्ती कर सोशल मीडिया पर दोस्ती करने वालों से पुलिस बचकर रहने की सलाह दे रही है।
ठगी के पैटर्न को समझकर बचें।
लड़की होती ही नहीं बस झांसा होता है
पुराने केसेस में देखा गया है कि वीडियो कॉल करने के दौरान ठग, एक रिकॉर्डेड वीडियो चला रहे होते हैं। कॉल पर बात करने वाले को लगता है सामने कोई बात कर रहा, लेकिन होता पहले से रिकॉर्ड वीडियो है। इसमें कोई युवती या युवक अश्लील बात करता दिख जाता है। लोग झांसे में आकर इधर अश्लील हरकतें शुरू करते हैं। उधर स्क्रीन रिकॉर्ड के जरिए सब कुछ ठग के पास पहुंच जाता है। इसके बाद लोगों को ब्लैकमेल कर, वीडियो वायरल करने की धमकी देकर वसूली की जाती है।
लड़कियों को विदेशी बॉय फ्रैंड का झांसा
लड़कियों को सोशल मीडिया पर लड़कों की आईडी से दोस्ती का प्रपोजल भेजा जाता है। फेक आईडी पर चैटिंग शुरू होती है। लड़का खुद को विदेश में सैटल्ड बताएगा, या डॉक्टर इंजीनियर जैसी मोटी कमाई की जॉब में होना बताएगा। इसके बाद लड़की को भरोसे में लेकर पसंद के विदेशी तोहफे भेजने की बात होती है। ठग की ओर से कहा जाता है एयरपोर्ट पर कस्टम जांच में गिफ्ट रुक गया है कुछ पैसे मांगकर कस्टम क्लीयरेंस कराने की बात बताकर ठगा जाता है।
रायपुर पुलिस लोगों को कर रही अवेयर।
दूसरे स्टेट के गैंग
एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि इस तरह के ठगी के मामले को अंजाम देने में राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कई गैंग सक्रिय हैं। ये गैंग लगातार छत्तीसगढ़ के लोगों को टारगेट कर रहे हैं , इस वजह से रायपुर पुलिस ने अब लोगों को अपराध के पैटर्न के बारे में बताने का अभियान शुरू किया है ताकि लोग खुद अपनी सुरक्षा कर सकें। इस अभियान का नाम है सुनो रायपुर।
विधायक तक कर चुके हैं शिकायत
पिछले साल मनेंद्रगढ़ से विधायक विनय जायसवाल के एक कार्यकर्ता को न्यूड कॉल के जाल में फंसाने की कोशिश हुई है। इसकी शिकायत उन्होंने रायपुर पुलिस से की थी। 5 महीने पहले साइबर सेल और दुर्ग पुलिस ने इसी तरह के सेक्सटॉर्शन गैंग के मास्टर माइंड वकील अहमद को पकड़ा था।
पुलिस सूत्रों की मानें तो रायपुर के कई कारोबारी और डॉक्टर जैसे पेशों में शामिल लोगों के साथ इस तरह की ठगी हो चुकी है। कई लुभावनी स्कीम और ऑफर बता कर बड़ी बिजनेस डील का लालच देकर लोगों से मोटी रकम वसूली जाती है। बैंक में लोन फंसा होने, विदेश से गिफ्ट भेजने का वादा करके लोगों को लूटा जा रहा है, वो भी उनसे बिना मिले या सामने आए, सिर्फ फोन पर।
15 अगस्त की शाम साइबर क्राइम अवेयरनेस के लिए अभियान शुरू किया गया।
सुनो रायपुर अभियान
रायपुर की पुलिस ने सुनो रायपुर नाम का एक अभियान शुरू किया है। साइबर ठगी के मामलों की जानकारी देते हुए लोगों को साइबर स्मार्ट बनाने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुआत की गई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसमें लोगों को जुड़ने की अपील की है। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने इस अभियान को लॉन्च किया है। इसके जरिए रायपुर की पुलिस, रेसिडेंशियल सोसायटी, स्कूल कॉलेज में जाकर लोगों को ठगी के पैटर्न के बारे में बताकर अवेयर कर रही है। वीडियो बनाकर रैप सॉन्ग के जरिए लोगों को अवेयर किया जा रहा है, पुलिस डिपार्टमेंट के अफसर भी वीडियो में ठगी से बचने का तरीका बता रहे हैं।
अलग-अलग जगहों पर पुलिस की टीम लोगों को जानकारी दे रही।
ये बातें जानकर न आएं झांसे में
- अनजान व्यक्ति आपको कॉल मैसेज कर लुभावना ऑफर देता है, किसी सर्विस के ब्लॉक होने का भय दिखाता है, ऑनलाइन खरीदारी या व्यक्तिगत जानकारी देकर आप को विश्वास में लेता है और इस तरीके से लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।
- किसी भी सूरत में अनजान कॉलर से अपने फोन पर बैंक से जुड़ी निजी जानकारी आधार का नंबर या पैन कार्ड की जानकारी एटीएम का ओटीपी कतई साझा ना करें।
- बीमा, फाइनेंस, किश्त, लोन, केवाईसी अपडेट, सिम ब्लॉक होना, लॉटरी लगी है, कौन बनेगा करोड़पति, लकी ड्रॉ जैसे फोन कॉल या मैसेज के झांसे में बिल्कुल ना आए
- लोन एप के झांसे में भी ना आए क्योंकि ऐसे में जानकारी हासिल हो जाने के बाद ऐप के संचालक लोगों को ब्लैकमेल करते पाए गए हैं।
- अनजान व्यक्ति के कहने पर किसी भी एप्लिकेशन जैसे क्विक सपोर्ट, एनी डेस्क टीम व्यूवर को इन्स्टॉल ना करें। इससे फोन या कंप्यूटर हैक हो सकता है।
- अनजान नंबर से आए लिंक को कभी क्लिक ना करें, रजिस्ट्रेशन अथवा अकाउंट टेस्ट करने के नाम से 10 रुपए की राशि ट्रांसफर कर दिजिए इस तरह की बातें ठग करते हैं।
- अनजान नंबर की वीडियो कॉल ना उठाएं फोन उठाते ही आप ब्लैक मेलिंग के शिकार हो सकते हैं । सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती करने से बचें।
- ओएलएक्स जैसी वेबसाइट पर आर्मी मैन, सीआरपीएफ, बीएसएफ फोर्स से जुड़ा हुआ व्यक्ति बताकर लोग सामान बेचने की बात कहकर ठगी करते हैं।
- क्यूयार कोड स्कैन भेजकर रुपए देने की बात कही जाती है, जबकि इससे पेमेंट आपके खाते से कटकर कोड वाले खाते में चली जाएगी।
- गूगल पर कस्टमर केयर पर नंबर सर्च करते वक्त सावधानी बरतें कस्टमर केयर नंबर के लिए हमेशा संबंधित कंपनी की वेबसाइट पर ही जाएं। +92, 440-846922-920 या 940 जैसे नंबर से कॉल आने पर रिसीव न करें ये ठग गैंग के नंबर्स हैं।
ठगी का शिकार होने पर क्या करें
अगर आपको लगे कि आपके साथ कोई डिजिटल फ्रॉड हुआ है तो इसकी फौरन शिकायत करें। साइबर अपराध या ठगी के शिकार होने की स्थिति में टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें cybercrime.gov.in पर शिकायत करें या रायपुर पुलिस की साइबर सेल को 0771 4247109 जानकारी दी जा सकती है।