छत्तीसगढ़ः बंद लिफाफे से निकलेगा नेता प्रतिपक्ष का नाम, बृजमोहन अग्रवाल, नारायण चंदेल सहित 4 नामों की चर्चा; पुरंदेश्वरी आज करेंगी ऐलान 

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सियासत में बड़े उठा-पटक देखने को मिल रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के बाद अपना नेता प्रतिपक्ष बदलने जा रही है। बुधवार दोपहर तक नए नाम का ऐलान हो सकता है। चर्चा है कि बदलाव का सिलसिला यही नहीं थमेगा संगठन के और भी प्रमुख चेहरों को बदला जाएगा। साल 2023 के चुनावों में भाजपा एक नई टीम खड़ी कर सकती है।

बुधवार दोपहर भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की अहम बैठक है। इस बैठक में शामिल होने और प्रदेश संगठन की संरचना को लेकर चर्चा करने प्रदेश की प्रभारी डी पुरंदेश्वरी खुद रायपुर आ रही हैं। इस बैठक में प्रदेश के सह प्रभारी नितिन नवीन और संगठन के महामंत्री अजय जामवाल खुद मौजूद रहेंगे।

पुरंदेश्वरी से मिले नए अध्यक्ष साव।

पुरंदेश्वरी से मिले नए अध्यक्ष साव।

पुरंदेश्वरी करेंगी ऐलान
पार्टी सूत्रों ने बताया है कि नए नेता प्रतिपक्ष का नाम तय हो गया है। इसका ऐलान डी पुरंदेश्वरी करेंगी। राष्ट्रीय संगठन के नेताओं के साथ नए नाम को लेकर चर्चा की गई है। पार्टी में इस बात को लेकर माथापच्ची होती रही कि नया चेहरा ऐसा हो जिस की बदौलत भारतीय जनता पार्टी जातिगत समीकरणों को भी साध सके।

इनमें से एक हो सकता है नया नेता प्रतिपक्ष
नारायण चंदेल, अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल और शिवरतन शर्मा यह 4 नाम है जो नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में सबसे आगे हैं। बृजमोहन और शिवरतन शर्मा संगठन में सक्रिय होने और अपनी वरिष्ठता की वजह से चर्चा में हैं। चंद्राकर और चंदेल पर उम्मीद इस वजह से हैं क्योंकि दोनों ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। इसके बाद भी पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि इन नामों के अलावा भी चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने अचानक अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बना कर भी सभी को चौंका दिया था।

बृजमोहन, अजय चंद्राकर और शिव रतन भी रेस में।

बृजमोहन, अजय चंद्राकर और शिव रतन भी रेस में।

कौशिक से कहा गया हटने
पार्टी सूत्रों की माने तो धरमलाल कौशिक से संगठन के शीर्ष नेताओं ने ही नेता प्रतिपक्ष के पद से हटने को कहा। संगठन में लगातार नए चेहरे सामने लाए जाने की मांग उठ रही थी। इसी के चलते चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी बदलाव के इस एक्शन मोड में नजर आ रही है। धरमलाल कौशिक और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव दोनों बिलासपुर से ही आते हैं, इसलिए कोशिश यह है कि प्रदेश के किसी और हिस्से से भी प्रतिनिधित्व लिया जाए।

5 दिन पहले ये तस्वीर सामने आई और चर्चाएं शुरू हो गईं।

5 दिन पहले ये तस्वीर सामने आई और चर्चाएं शुरू हो गईं।

ठीक एक दिन पहले बिलासपुर दौरे के वक्त जब मीडिया ने धर्म लाल कौशिक से यह पूछा कि क्या नेता प्रतिपक्ष बदले जाएंगे? कौशिक ने मुस्कराते हुए कह दिया जो भी फैसला होगा वह आपको पता चलेगा और हमें भी… हम भी यही हैं और आप लोग भी यहीं हैं।

विधायक दल की अहम बैठक बुधवार दोपहर होगी।

विधायक दल की अहम बैठक बुधवार दोपहर होगी।

सत्ता की चाबी ओबीसी
छत्तीसगढ़ के वोटरों का बड़ा वर्ग ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखता है। पिछले विधानसभा चुनावों में इस वर्ग ने कांग्रेस पर भरोसा जताया। कांग्रेस में शीर्ष नेताओं में भी कई ऐसे ओबीसी नेता है जो रिकॉर्ड मतों से जीते हैं। इसी फार्मूले को समझते हुए भारतीय जनता पार्टी ने 5 दिन पहले ही नया प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी वर्ग से ही चुना।

बिलासपुर के सांसद अरुण साव को जिम्मेदारी दी गई, ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा नए नेता प्रतिपक्ष को भी ओबीसी वर्ग से ही चुन सकती है, ताकि ओबीसी वर्ग को चुनावी तौर पर साध सके। और भारतीय जनता पार्टी के लिए तालाबंद सत्ता एक बार फिर अनलॉक हो सके। नेता प्रतिपक्ष के बाद प्रदेश युवा मोर्चा के में भी बदलाव के कयास हैं।

जो नेता प्रतिपक्ष बनेगा CM की रेस में होगा
भाजपा में हालांकि सब कुछ दो गुना दो बटे चार नहीं होता। यहां कई बार अलग ही समीकरण फिट बैठता है। मगर नेता प्रतिपक्ष को लेकर माना जा रहा है कि जिसे भी जिम्मा मिलेगा सियासी तौर पर उसका सिक्का बुलंद होगा। क्योंकि आगामी चुनावों में प्रदेश में भाजपा की स्थिति बेहतर करने में उसका अहम योगदान होगा और बहुत मुमकिन है कि अगर भाजपा को जीत मिली तो उसे CM की रेस में बड़े दावेदार के तौर पर पेश किया जाएगा।