ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने 5 खूंखार आतंकियों को मिट्टी में मिलाया; कंधार हाईजैक का वांछित भी ढेर

नई दिल्ली । भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। अब खबर आ रही है कि इसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने पांच खूंखार आतंकियों को ढेर कर दिया है। जिन आतंकियों की सूची समने आई है, उसमें मसूद अजहर का भाई और उसके बीवी का भाई भी शामिल है। वह आईसी-814 अपहरण मामले में वांछित था।

पहले जानिए वो पांच नाम
1) मुदस्सर खादियन खास उर्फ मुदस्सर उर्फ अबू जुंदाल
2) हाफिज मुहम्मद जमील
3) मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद जी उर्फ मोहम्मद सलीम उर्फ घोसी साहब
4) खालिद उर्फ अबू अकाशा
5) मोहम्मद हसन खान

अब जानिए विस्तार से 
1. मुदस्सर खादियन खास उर्फ मुदस्सर उर्फ अबू जुंदाल
(लश्कर-ए-तैयबा)

  • मुरीदके में मरकज तैयबा का प्रभारी।
  • पाकिस्तानी सेना की ओर से सुपुर्द-ए-खाक के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
  • पाकिस्तानी सेना प्रमुख और पंजाब की मुख्यमंत्री (मरियम नवाज) ने पुष्पांजलि अर्पित की गई।
  • जनाजे की नमाज एक सरकारी स्कूल में हुई, जिसका नेतृत्व जमात-उद-दावा (एक घोषित वैश्विक आतंकवादी) के हाफिज अब्दुल रऊफ ने किया।
  • पाकिस्तानी सेना के एक सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आईजी प्रार्थना समारोह में शामिल हुए।


2. हाफिज मुहम्मद जमील
(जैश-ए-मोहम्मद)

  • मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला।
  • बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह का प्रभारी।
  • युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और जैश-ए-मोहम्मद के लिए धन जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल।


3. मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद जी उर्फ मोहम्मद सलीम उर्फ घोसी साहब
(जैश-ए-मोहम्मद)

  • मौलाना मसूद अजहर का साला।
  • जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल।
  • आईसी-814 अपहरण मामले में वांछित।


4. खालिद उर्फ अबू अकाशा
(लश्कर-ए-तैयबा)

  • जम्मू और कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल।
  • अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी में शामिल।
  • फैसलाबाद में सुपुर्द-ए-खाक किया गया, जिसमें वरिष्ठ पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए।


5. मोहम्मद हसन खान
(जैश-ए-मोहम्मद)

  • पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा।
  • जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हमलों के समन्वय में अहम भूमिका निभाई।