छत्तीसगढ़: गृह विभाग में होगी 6085 पदों पर नई भर्ती, विजय शर्मा बोले- ‘पिछली सरकार ने रोक रखी थी भर्ती, हमने नए पद सृजित किए’

छत्तीसगढ़ में गृह विभाग में 6 हज़ार 85 पदों पर होगी नई भर्ती : डिप्टी सीएम विजय शर्मा बोले, ‘पिछली सरकार ने एसआई भर्ती रोक रखी थी, हमने नए पद सृजित किए’

रायपुर। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के विभागों के लिए 21,277 करोड़ 28 लाख से अधिक की अनुदान मांगें पारित की गई है. गृह, पंचायत, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा तकनीकी और रोजगार विभाग के बजट अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सदन में सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में भर्ती को लेकर कई सदस्यों ने चिंता जताई. सरकार ने गड़बड़ी पर बड़ी कार्रवाई की है. खामियां को छिपाया नहीं, विधिवत कार्रवाई की गई है.

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बीते छह सालों से एसआई की भर्ती नहीं की गई थी. साय सरकार ने न केवल नियुक्ति की, बल्कि आज उनकी ट्रेनिंग हो रही है. कांस्टेबल के पाँच हज़ार 967 पदों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. राजनांदगांव में भर्ती में हुई गड़बड़ी पर दूसरे जिलों के अधिकारियों की जांच टीम बनाकर जांच की जा रही है. 

बिलासपुर में 129 प्रकरण ऐसे मिले हैं, जिनमे खामियां थी. इसे छिपाया नहीं गया. हमने इसकी विधिवत कार्रवाई की है. 95 हजार वीडियो फुटेज देखकर हमने इन मामलों को पकड़ा है. महिला होम गार्ड के 1715 पद निकाले गए हैं. भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. इसके अतिरिक्त कई नए पदों का सृजन विभाग ने किया है. सभी नवगठित छह जिलों में अजाक थाने शुरू किए जा रहे हैं. इसके लिए 90 नए पद सृजित किए गए हैं. सुकमा में नए थानों के लिए भी सौ से ज्यादा पद सृजित किए जा रहे हैं. 

गृह मंत्री ने बताया कि गृह विभाग का बजट दस फीसदी बढ़ाया गया. पूंजीगत व्यय में 104 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अधोसंरचना के लिए पर्याप्त बजट गृह विभाग को मिला है. गृह विभाग के लिए 2884 आवास बनाने का प्रावधान बजट में रखा गया है. गृह विभाग के पूर्व निर्मित आवास की मरम्मत के लिए बजट का प्रावधान किया गया है. 

उन्होंने कहा कि विवेचकों के आवासीय बैरक के लिए 16 करोड़ का प्रावधान बजट में रखा गया है. ये बैरक ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये जाएँगे. मल्टी स्टोरी बैरक बनाये जाने का भी प्रावधान है. आठ जगहों पर ट्रांजिट हॉस्टल बनाने के लिए आठ करोड़ का प्रावधान है. गृह विभाग में होने वाले निर्माण कार्यों के लिए बजट में पर्याप्त राशि रखी गई है. 

उन्होंने कहा कि जितनी चिंता महिलाओं के लिए नरेंद्र मोदी और विष्णुदेव साय ने की है ऐसी सानी कभी देखने को नहीं मिलेगी. महतारी वंदन हो या महतारी सदन हो इन सभी योजनाओं के साथ-साथ तीन नवीन महिला थाने शुरू किए जा रहे हैं. इसके लिए 180 नए पदों का सृजन किया जा रहा है. पाँच नई चौकियों को थाने में बदलने के लिए 180 नए पदों का सृजन किया जा रहा हैं. दस जिलों में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के लिए सौ नए पद सृजित किए जा रहे हैं. 

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि बिलासपुर एयरपोर्ट, सीएम सुरक्षा, बिलासपुर हाईकोर्ट, इंटेलिजेंस शाखा के लिए नए पद सृजित किए जा रहे हैं. एक नए बटालियन के लिए एक हज़ार सात पदों की स्वीकृति मिली है. स्टेट लेवल पर एसआईएसएफ के गठन को मंजूरी दी गई है. इसके लिए पाँच सौ पदों की स्वीकृति दी गई है. एनएसजी की तर्ज पर एसओजी का गठन किया जा रहा है. इसके लिए 44 पद सृजित किए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन की वजह से सायबर अपराध बढ़ गए हैं. पूरी दुनिया का लगभग 40 फीसदी भुगतान भारत में हो रहा है. सायबर अपराध रोकने पाँच नए सायबर थाने शुरू किए जा रहे हैं. रायपुर में सायबर फोरेंसिक लैब बनकर तैयार है. एक जनवरी 24 से एक जनवरी 25 तक 23 लाख से ज्यादा काल सायबर अपराध को रोकने शुरू किए गए काल नम्बर 1930 पर आ चुका है. एनएफएसयू की एक यूनिट छत्तीसगढ़ में शुरू किया जाएगा.

गृह मंत्री ने बताया कि बस्तर फाइटर में लिए 3202 नए पदों की स्वीकृति मिली है. इस तरह नए पद कुल 6 हज़ार 85 सृजित किए जा रहे हैं. 25 साल पहले नारायणपुर के गड़पा में कोई गया होगा तो उन्होंने बाजार देखा होगा. अब 25 साल बाद फिर से वहाँ बाजार लग रहा है. ये कमाल देश के दूसरे लौह पुरुष अमित शाह की वजह से हुआ है. मार्च 2026 तक नक्सलवाद का खात्मा करने का संकल्प अमित शाह ने लिया है.

मंत्री ने कहा बस्तर में लोग जानते हैं कि पुजारी कांकेर में भी बाजार में रौनक आई है. पहले बीजापुर से पामेड तेलंगाना होकर जाया जाता था. अब इसके लिए सीधी बस सेवा शुरू हुई है. पूरे बस्तर में पाँच सौ से ज़्यादा नए मोबाइल टावर लगाये गए हैं. बस्तर में 55 नए कैम्प शुरू किए गए हैं. नियाद नेल्लानार गाँव से अब लोग बाहर आ रहे हैं. ये ऐसे लोग हैं जिन्होंने कभी रायपुर नहीं देखा था. 70 फ़ीसदी लोग ऐसे हैं जिन्होंने जगदलपुर भी नहीं देखा था. पहली बार इन लोगों ने चुनाव में वोट डाला है.

एक तरह का ग्रुप होता है जो यह कहती थी कि बस्तर में आदिवासियों को परेशान किया जाता है. नक्सल हिंसा में हाथ पैर खोने वाले 55 लोग दिल्ली गए थे. केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने घर में उनका स्वागत किया था. राष्ट्रपति ने मुलाक़ात की थी. दिल्ली में एक ऐसा प्रेस कांफ्रेंस हुआ, जहाँ कोई नेता नहीं था. दुनिया की मीडिया के सामने बस्तर का पीड़ित बैठा था. उन्होंने अमित शाह से आग्रह किया कि नक्सलवाद को खत्म कर दें. उन लोगों में एक 14 साल की बच्ची भी थी जो एक टिफिन बम की चपेट में आकर घायल हो गई थी.

उन्होंने कहा कि बस्तर के उन इलाकों में मोबाइल, बिजली, सड़क जैसी सुविधाओं से वंचित रखा गया था. अब वहाँ राशन कार्ड बन रहा है. राशन कार्ड बन रहे हैं. उन इलाक़ों में सुविधाएं पहुँच रही है. सामूहिक आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों को दी जाने वाली राशि अब दोगुनी हो जाएगी. इलवद पंचायत अभियान की शुरुआत हम बस्तर में करने जा रहे हैं. इलवद का अर्थ है मुक्त होना. नक्सलवाद से मुक्त होने वाले गांवों को एक करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी. पंचायत और पुलिस विभाग कदमताल बढ़ाकर इस कार्य को पूरा करेगी.

बस्तर ओलंपिक में एक लाख 25 हज़ार लोगों ने भाग लिया. उनमें ऐसे लोग भी थे जिन्होंने नक्सलवाद छोड़कर मुख्य धारा में शामिल होना चुना है. पहले जंगलों में बंदूक लेकर मुख्य धारा में आने वाली टीमें भी वहाँ थी. पाँच राज्यों के लोग वहाँ आकर स्थानीय लोगों को समझते थे कि मुख्य धारा में लौट आइए. दंतेवाड़ा में एक अप्रैल से तीन अप्रैल तक बस्तर पांडुम का आयोजन किया जा रहा है. देश भर के लोग इसे देखने आ रहे हैं. बस्तर की संस्कृति, कलायें एक स्थान पर देखने को मिलेगी.

बस्तर के गांवों में नक्सलवाद पर बलिदान देने वाले अमर बलिदानियों की मूर्ति लगाई जाएगी. उनका स्मारक बनाया जाएगा. बस्तर में नक्सलवाद समाप्त हो इसके पीछे दुश्चिंता नहीं होनी चाहिए. मैं सिलगेर गया हूँ, पुवर्ती गया हूँ. वहाँ बिजली नहीं है, पानी नहीं है, मोबाइल टावर नहीं है, 25 साल के युवा ने कभी टीवी नहीं देखी है. अब वहाँ परिवर्तन आ गया है. मार्च 2026 में सशस्त्र नक्सलवाद समाप्त कर लिया जाएगा. इसमें कोई संशय नहीं है.

गृह मंत्री ने बताया कि एनडीपीएस, गौ तस्करी जैसे मामलों के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई जा रही है. इसके लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है. मादक पदार्थों के व्यापार से बनाई गई संपत्ति को कुर्क किया जा रहा है. प्रदेश में यह पहली बार किया गया है. बिलासपुर और दुर्ग में चार करोड़ की संपत्ति जप्त की गई है. किरायेदार जो मकान, दुकान, जमीन किराए पर देते हैं उन्हें एक एप्लीकेशन पर सूचना देनी है. इस सूचना के ज़रिए इसका डेटा पुलिस के पास पहुँच जाएगा.

महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति एप शुरू किया गया है. इस एप में एसओएस का प्रावधान भी है. सशक्त एप के ज़रिए चोरी की गाड़ियों की जानकारी ली जा सकती है. लॉ एंड ऑर्डर के लिए एसओपी जारी किया गया है कि प्रशासन और पुलिस को किन किन मामलों पर ध्यान देना है. 

विजय शर्मा ने बताया कि जेल शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन, विधिक सहायता का केंद्र बने इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है. राज्य की जेलों में 14 हज़ार कैदियों की क्षमता है लेकिन 18 हज़ार कैदी वहाँ हैं. अब नए 64 बैरकों का निर्माण किया जा रहा है. इसमें तीन हज़ार कैदियों को रखा जा सकेगा. कुछ नए बैरकों की भी स्वीकृति मिली है. इसमें भी ढाई हज़ार कैदी रखे जा सकते हैं. जेलों की क्षमता करीब बीस हज़ार कैदियों को रखने की हो जाएगी.

जेल के भीतर एक हज़ार से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगाये गए हैं. बीते एक साल में 1900 कैदी साक्षर हुए हैं. जेलों में गौशाला बने इस दिशा में पूरी कोशिश की जा रही है. जेलों में बंद कैदियों की शुद्धिकरण के लिए प्रयागराज से जल लाया गया था. कैदियों को संगम में जल से स्नान कराया गया.

विजय शर्मा ने कहा, जब हम विपक्ष में थे तब मोर आवास मोर अधिकार को लेकर विधानसभा का घेराव किया था. लोकतंत्र में आंदोलन होते हैं. हम सांकेतिक आंदोलन कर रहे थे और हम पर बम फेके गए थे. उस वक्त ही हमने कहा था कि सरकार बनने पर पहली ही कैबिनेट की बैठक में 18 लाख आवास को मंजूरी दी जाएगी.

2011 की सर्वे सूची के हिसाब से ही आवास दिया गया. पिछली सरकार ने आवास योजना के लक्ष्य पूर्ण नहीं किया था. आवास प्लस की प्रतीक्षा सूची में आठ लाख आवास को प्रधानमंत्री ने स्वीकृत किया था. छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य था जिसने लक्ष्य पूरा नहीं किया था.

उन्होंने कहा कि आवास योजना को लेकर यह स्पष्ट कर दूं कि 18 लाख 12 नए आवास की योजना अलग है. ⁠नए आवासों के लिए सर्वे का काम प्रारंभ हो चुका है. आवास का सर्वे पंचायत का सचिव कर रहा है. मोबाइल एप्लीकेशन उसके मोबाइल पर है. पंचायत सचिव से आवास प्लस में नाम जुड़वाए जा सकते हैं. अप्रैल महीना आख़िरी है.

⁠पहले मोबाइल रखने वाले, मोटरसाइकल रखने वाले, थोड़ी बहुत जमीन रखने वाले अयोग्य हो जाते थे. लेकिन अब वो भी सर्वे में शामिल होंगे. ⁠आठ हज़ार करोड़ का प्रावधान साय सरकार ने अपने पिछले बजट में किया था. 7 लाख 69 हज़ार मकानों को स्वीकृत किया है. ⁠अड़ोस-पड़ोस के राज्य आवास बनाते रहे लेकिन पिछली सरकार आवास नहीं बनाती थी. पिछली सरकार के पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने यह कहते हुए इस्तीफ़ा दे दिया था कि आवास योजना के लिए राज्य सरकार राज्यांश नहीं दिया था.

21 हजार करोड़ से अधिक की अनुदान मांगें पारित

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पुलिस, गृह, जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के वित्तीय सहायता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 21,277 करोड़ 28 लाख रुपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित की गई. इसमें पुलिस विभाग से संबंधित व्यय के लिए 8237 करोड़ 13 लाख 16 हजार रुपए, गृह विभाग से संबंधित व्यय के लिए 141 करोड़ 64 लाख 25 हजार रुपए, जेल विभाग के लिए 278 करोड़ 99 लाख 90 हजार रुपए, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिए 8055 करोड़ 65 लाख 97 हजार, त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के वित्तीय सहायता के लिए 4025 करोड़ 76 लाख 69 हजार रुपए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए 64 करोड़ रुपए तथा तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के लिए 474 करोड़ 8 लाख 4 हजार रुपए की अनुदान मांगे पारित की गई.