IPL 2025: केकेआर, मुंबई, सनराइजर्स के पास संतुलित आक्रमण, विशेषज्ञ गेंदबाजों की भूमिका का फायदा उठाएंगी टीमें

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नई दिल्ली। फटाफट क्रिकेट में बल्ले का दम गेंद पर भारी पड़ता रहा है, लेकिन आईपीएल में इंपैक्ट प्लेयर नियम ने विशुद्ध गेंदबाजों की भूमिका भी निर्णायक बना दी है। फिर भारतीय टीम के कोच गौतम गंभीर कहते भी हैं कि आपको टूर्नामेंट गेंदबाज जिताते हैं। गंभीर के इस सूत्र वाक्य पर आईपीएल में खेल रही सभी 10 टीमों ने भी अपनाने की कोशिश की है।

बल्लेबाजों के वर्चस्व के बीच गेंदबाजी के दम पर टूर्नामेंट जीतने के लिए सभी टीमों ने अपने बेड़े में ऑलराउंडर के बजाय विशेषज्ञ गेंदबाजों को वरीयता देते हुए संतुलित आक्रमण तैयार करने की कोशिश की है। इनमें कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर), मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद का पलड़ा कुछ भारी लग रहा है। अगर मुंबई के खेमे में बाद में जसप्रीत बुमराह भी शामिल हो गए तो ट्रेंट बोल्ट, दीपक चाहर, मिचेल सैंटनर और हार्दिक पांड्या की मौजूदगी में यह आक्रमण दूसरी टीमों के लिए मुसीबत बनेगा। लेग स्पिनर कर्ण शर्मा, इंग्लैंड के रीस टॉप्ली और अफगानिस्तान के मुजीब उर रहमान को खेलना भी आसान नहीं रहेगा।

केकेआर के पास हर्षित और वरुण
गत विजेता केकेआर को उनका गेंदबाजी आक्रमण विशेष बनाता है। भारतीय टीम में जगह बना चुके दिल्ली के तेज गेंदबाज हर्षित राणा की तेजी और अतिरिक्त उछाल के दम पर विकेट लेने की क्षमता जग-जाहिर हो चुकी है। उनका साथ देने के लिए मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती भी हैं। टी20 में वे बेहद घातक हैं। उनके पास एनरिक नोर्त्जे जैसा तेज गेंदबाज और सुनील नरेन जैसा स्पिनर भी है। इसके अलावा उनके पास बाएं हाथ के तेज गेंदबाज स्पेंसर जॉन्सन, आंद्रे रसेल और वैभव अरोड़ा का भी विकल्प है। कागजों पर केकेआर का आक्रमण सबसे खतरनाक दिखाई देता है।

दिग्गज स्पिनरों के भरोसे चेन्नई
चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) अपने स्पिन आक्रमण के भरोसे रहेगा। उनके पास आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, अफगानिस्तान के नूर अहमद जैसे स्पिनर हैं। तेज गेंदबाजी में मथिशा पाथिराना, एलिस, खलील अहमद, मुकेश चौधरी के विकल्प हैं। लखनऊ सुपरजाएंट्स को मयंक यादव का चोटिल होना खलेगा। मोहसिन खान और आवेश खान की फिटनेस भी संदेह के घेरे में हैं। दिल्ली कैपिटल्स के पास मिचेल स्टार्क, कुलदीप यादव और कप्तान अक्षर पटेल के रूप में 12 ओवर पूरे करने वाले तीन गेंदबाज हैं। नटराजन और मुकेश कुमार की डेथ ओवर में गेंदबाजी महत्वपूर्ण रहेगी। आरसीबी के पास हेजलवुड हैं। उन्हें भुवनेश्वर का अनुभव मिलेगा। यश दयाल, रसिख सलाम जैसे तेज गेंदबाज भी हैं।

हैदराबाद का भरोसा कमिंस-शमी
सनराइजर्स हैदराबाद के पास दो बेहद सुलझे तेज गेंदबाज कप्तान पैट कमिंस और मोहम्मद शमी हैं। हालांकि हैदराबाद की उप्पल की पिच बल्लेबाजों का साथ देती है। ऐसे में इन दोनों तेज गेंदबाजों का अनुभव हैदराबाद के काम आएगा। उनके पास हर्षल पटेल भी हैं। हर्षल खर्चीले रहते हैं, लेकिन डेथ ओवर में उनकी गेंदबाजी विशेषज्ञता दूसरी टीमों को भारी पड़ सकती है। उनके पास लेग स्पिनर के रूप में एडम जांपा, राहुल चाहर का भी विकल्प है। अभिषेक शर्मा भी उनके लिए गेंदबाजी करते रहे हैं।

राशिद की अगुआई में गुजरात के पास मजबूत आक्रमण
गुजरात टाइटंस के पास राशिद खान की अगुआई में संतुलित आक्रमण है। कैगिसो रबादा, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा के रूप में उनके पास तीन तेज गेंदबाज हैं। स्पिन में साई किशोर, वाशिंगटन सुंदर हैं। राजस्थान रॉयल्स के पास भी हसरंगा और महीष तीक्ष्णा के रूप में दो अच्छे श्रीलंकाई स्पिनर हैं। तेज गेंदबाजी में आर्चर को मदद की जरूरत होगी। उनके पास संदीप शर्मा का अनुभव होगा।