धरती पर नौ महीने बाद लौटेंगे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर; अमेरिकी अंतरिक्ष यान रवाना

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वॉशिंगटन । भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के धरती पर सुरक्षित वापस लौटने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। उनके साथ बुच विल्मोर भी धरती पर नौ महीने बाद लौटेंगे। दोनों को लाने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष यान आज तड़के (भारतीय समयानुसार) रवाना हो गया है। इससे पहले एक बयान में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि दोनों अंतरिक्ष यात्री 19 मार्च से पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना हो जाएंगे। नासा-स्पेसएक्स क्रू-10 को अमेरिकी समयानुसार 14 मार्च की शाम 7.03 बजे से लॉन्च किया गया। सफल प्रक्षेपण के बाद सुनीता विलियम्स और विल्मोर की धरती पर वापसी की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

गुरुवार को तकनीकी खराबी के कारण टल गया था प्रक्षेपण
गौरतलब है कि अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से वापसी गुरुवार को टल गई थी। नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने से करीब एक घंटे पहले क्रू-10 मिशन को एक बार फिर टाल दिया गया था। बताया गया कि स्पेसएक्स के फैल्कन 9 रॉकेट में ग्राउंड सपोर्ट क्लैंप आर्म के साथ हाइड्रॉलिक सिस्टम समस्या के कारण लॉन्चिंग को रद्द कर दिया गया था।

सुनीता विलियम्स को किस मिशन पर भेजा गया था?
5 जून 2024 को नासा का बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। इस मिशन के तहत नासा ने अपने दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को आठ दिन की यात्रा पर भेजा। दोनों को स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के जरिए मिशन पर भेजा गया था। यह अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की पहली उड़ान थी। जिस मिशन पर सुनीता और बैरी हैं वो नासा के व्यावसायिक क्रू कार्यक्रम का हिस्सा है। दरअसल, नासा का लक्ष्य है कि वह अमेरिका के निजी उद्योग के साथ साझेदारी में अमेरिका से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक सुरक्षित, विश्वसनीय और कम लागत के मानव मिशन भेजे। इसी उद्देश्य से यह टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था।