नईदिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा को नए साल से पहले बड़ी राहत मिली. उथप्पा के गिरफ्तारी वारंट पर अस्थाई रूप से रोक लग गई है. अब नए साल पर पूर्व भारतीय क्रिकेट के ऊपर से जेल जाने का खतरा टल गया है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने उथप्पा के गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाई. उथप्पा पर भविष्य निधि (PF) के मामले धोखाधड़ी का आरोप लगा था, जिसके लिए उनका खिलाफ वारंट जारी हुआ था.
मंगलवार (31 दिसंबर) को कर्नाटक हाई कोर्ट ने उथप्पा के वारंट पर रोक लगाई. जज सूरज गोविंदराज की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर को यह राहत दी. वारंट के अलावा उथप्पा के खिलाफ पीएफ मामले से जुड़ी सभी कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी. बता दें कि उथप्पा की तरफ से अपने खिलाफ जारी वारंट और वसूली नोटिस के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई में सभी चीजों पर रोक लगाने का फैसला सुनाया गया. पूर्व भारतीय क्रिकेट के खिलाफ क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त एवं वसूली अधिकारी के आदेश पर बेंगलुरु पुलिस की तरफ से गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था.
क्या है पूरा विवाद?
2018 से 2020 तक उथप्पा एक निजी फर्म सेंटारस लाइफस्टाइल ब्रांड के डायरेक्टर थे. उथप्पा के खिलाफ जारी हुए नोटिस के मुताबिक, कर्मचारियों का पीएफ अंशदान कट रहा था, लेकिन यह पैसा उनके खाते में जमा नहीं हो रहा था. पीएफ मामले से जुड़ी कुल राशि 23.16 लाख रुपये के करीब थी.
उथप्पा का अंतर्राष्ट्रीय करियर
उथप्पा ने भारत के लिए 46 वनडे और 13 टी20 इंटरनेशनल मुकाबले खेले. वनडे की 42 पारियों में उन्होंने 25.94 की औसत से 934 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 6 अर्धशतक निकले, जिसमें उनका हाई स्कोर 86 रनों का रहा. इसके अलावा टी20 इंटरनेशनल की 12 पारियों में उथप्पा ने 249 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 1 अर्धशतक निकला.