तेहरान। सीरिया का विद्रोही समूह अल-नुशरा फ्रंट राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर चुका है और उसने बशर अल-असद की सत्ता को गिराने का दावा किया है। इस बीच, ईरान के सरकारी टेलीविजन ने रविवार को जानकारी दी कि सीरिया में उनके दूतावास पर हमला हुआ है। अल-नुशरा फ्रंट जिसे हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) भी कहा जाता है, उसने सबसे पहले देश के अलेप्पो शहर पर कब्जा किया था, जिसके बाद उसने होम्स, दारा शहरों पर नियंत्रण पाने का दावा किया। विद्रोही समूह ने अंत राजधानी दमिश्क पर कब्जा करने की घोषणा की।
सरकारी टेलीविजन ने दूतावास पर हमले के फुटेज दिखाए
ईरानी टीवी चैनल ने बताया कि कुछ अज्ञात हमलावरों ने ईरान के दूतावास पर हमला किया है। चैनल ने अल-अरबिया नेटवर्क से मिले वीडियो फुटेज भी जारी किए, जो दूतावास परिसर के अंदर के थे। ईरान के अखबार तेहरान टाइम्स ने जानकारी दी कि हमले से पहले दूतावास के सभी ईरानी राजनयिक वहां से सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, दूतावास के कर्मचारी पूरी तरह से सुरक्षित हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि विद्रोह समूहों के दूतावास पर हमला किया है। हालांकि, इस आरोप की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है।
अल-असद सरकार और विद्रोही समूहों से बातचीत का आह्वान
ईरान के अधिकारियों ने अभी तक बशर अल-असद की सरकार के पतन पर कोई टिप्पणी नहीं की है। शनिवार को विद्रोही समूहों ने अपनी सैन्य कार्रवाई जारी रखी थी। लेकिन दमिश्क पर तब तक नियंत्रण नहीं पाया था। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघजी ने सीरिया की सरकार और विद्रोही समूहों से बातचीत का आह्वान किया था।
विद्रोही समूहों का आतंकवादी गुट मानता था ईरान
यह बयान ईरान की रणनीति में अहम मोड़ था, क्योंकि इससे पहले ईरान विद्रोही समूहों को आतंकवादी गुट मानता था और उन्हें वैध विपक्ष नहीं मानता था। अराघची ने एक दिसंबर को दमिश्क का दौरा भी किया था, जब विद्रोही समूहों ने सीरिया में हमले तेज कर दिए थे। यह दौरा बशर अल-असद की अंतिम सार्वजनिक मौजूदगी के दौरान हुआ था, जिसमें ईरानी अधिकारी भी उनके साथ थे। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियां ने भी दो दिसंबर को बशर अल-असद के साथ फोन पर बातचीत की और ईरान का समर्थन जताया था।
सीरिया में असद सरकार को था ईरान का समर्थन
सीरिया में 2011 से गृह युद्ध जारी है, जिसमें ईरान ने हमेशा सीरिया का समर्थन किया है और बशर अल-असद की सरकार के अनुरोध पर सैन्य सलाहकार भेजे थे। सीरिया में ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स (आईआरजी) के कई कमांडर मारे गए थे, जिनमें कुछ इस्राइल के हमलों में मारे गए थे।