मुंबई। भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने रविवार को अपने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री का नाम तय हो गया है और अब बस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की मंजूरी का इंतजार है। पूर्व केंद्रीय मंत्री दानवे ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि महाराष्ट्र के लोग जानते हैं कि अगला सीएम कौन होगा। गौरतलब है कि महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया था कि महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह पांच दिसंबर को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान पर होगा। हालांकि बावनकुले ने ये नहीं बताया कि सीएम पद की शपथ कौन लेगा। ऐसे में महाराष्ट्र के नए सीएम को लेकर संशय बरकरार है।
देवेंद्र फडणवीस का नाम रेस में सबसे आगे
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र के अगले सीएम की रेस में देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे है। वह दो बार राज्य के सीएम और पिछली सरकार में डिप्टी सीएम रह चुके हैं। चुनाव नतीजों के बाद एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सीएम पद की रेस में थे, लेकिन कुछ दिन पहले एकनाथ शिंदे ने भी ऐसे संकेत दे दिए थे कि उन्हें भाजपा की मुख्यमंत्री मंजूर है। उसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि जल्द ही देवेंद्र फडणवीस की ताजपोशी हो जाएगी, लेकिन दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद जिस तरह से एकनाथ शिंदे अचानक से अपने सतारा स्थित गांव पहुंचे, उसके बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया। ऐसा कहा गया कि एकनाथ शिंदे नई सरकार के गठन से खुश नहीं हैं। अपने गांव पहुंचकर शिंदे की तबीयत भी खराब हो गई। हालांकि अब शिंदे के रविवार शाम तक मुंबई लौटने की चर्चा है।
सरकार गठन में हो रही देरी
मीडिया रिपोर्ट्स में पूर्व केंद्रीय मंत्री राव साहेब दानवे के हवाले से कहा गया कि लोगों को पता है कि महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन होगा। दानवे ने कहा कि हम सिर्फ अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा उस नेता के नाम को मंजूरी दिए जाने का इंतजार कर रहे हैं। मंत्रिमंडल में किस-किस को शामिल किया जाएगा? इस सवाल पर दानवे ने कहा, ‘राज्य मंत्रिमंडल में किसे शामिल करना है, यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।’ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन को प्रचंड जीत मिली है। भाजपा, शिवसेना और राकांपा की साझेदारी वाले महायुति गठबंधन ने राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटों पर जीत हासिल की। इसमें भाजपा ने 132, शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की। 23 नवंबर को नतीजे घोषित होने के बाद सरकार के गठन में देरी हो रही है, इसे लेकर विपक्षी नेता भी हमलावर हैं।