इंफाल। मणिपुर में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। दरअसल हिंसा के मद्देनजर एनपीपी ने भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। जानकारी के मुताबिक एनपीपी ने राज्य में जारी हिंसा को रोकने लिए सीएम एन बीरेन सिंह की कोशिशों पर सवाल भी खड़े किए हैं। नेशनल पीपुल्स पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को राज्य में लंबे समय से चल रही अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
राज्य में भाजपा सरकार पर नहीं पड़ेगा असर
मणिपुर में फिलहाल भाजपा नीत सरकार पर एनपीपी के समर्थन लेने के बाद भी कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि 60 विधानसभा सीट वाले राज्य में भाजपा के पास 32 सीटें हैं। इस तरह से भाजपा राज्य में बिना किसी समर्थन के सरकार चला सकती है, क्योंकि बहुमत के लिए भाजपा को किसी से समर्थन की जरूरत नहीं है। वहीं अन्य पार्टियों की बात करें तो इसमें नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच सीटें, एनपीपी सात, जनता दल (यू) छह, निर्दलीय उम्मीदवार तीन, कांग्रेस के पास पांच सीटें और केपीए के पास विधानसभा में दो सीटें हैं।
मणिपुर पर गृह मंत्री ने बुलाई बैठक
पिछले कुछ दिनों से मणिपुर में रह-रहकर हिंसा की खबरें आ रही हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राष्ट्रीय राजधानी में सीनियर अफसरों के साथ मणिपुर की हालत को लेकर अहम बैठक भी की है। इस बैठक में अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, इसके अलावा वह कल इस मुद्दे पर विस्तृत बैठक करेंगे।