छत्तीसगढ़: ठगी के आरोपी कारोबारी के महादेव सट्टा से जुड़े तार, ED की जांच में ट्रांजेक्शन की मिली जानकारी; केके श्रीवास्तव पर बिल्डर से 15 करोड़ रुपये की ठगी का है आरोप

रायपुर। स्मार्ट सिटी में 500 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट दिलाने का झांसा देकर बिल्डर से 15 करोड़ रुपये ठगी के आरोपी कारोबारी केके श्रीवास्तव का महादेव सट्टा ऐप से भी कनेक्शन जुड़ा है। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धोखाधड़ी करने वाले के खिलाफ 50 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला का केस दर्ज किया है।

इस केस में जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को महादेव सट्टा ऐप से जुड़े लोगों से पैसे के लेन-देन की जानकारी मिली है। इन सभी पहलुओं पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम जांच कर रही है।

केके श्रीवास्तव को रावत एसोशिएट से जो फंड मिले थे। वो एरोजेट इंटरप्राइजेज को भेजे गए थे। जो कोलकाता स्थित मजेस्टिक कॉमर्शियल से जुड़ा हुआ है और महादेव बैटिंग ऐप से संबंधित है। फोरेंसिक ऑडिट में केके श्रीवास्तव के मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क में जुड़े होने की बात सामने आई है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ED की टीम महादेव सट्टा ऐप मामले जेल में बंद आरोपियों से भी केके श्रीवास्तव के संलिप्त होने पर पूछताछ कर सकती है।

श्रीवास्तव पर आरोप है कि, वह नेताओं के पैसों को मैनेज करता था। उसने हवाला के माध्यम से दिल्ली में पैसा भिजवाया है। उसने नेताओं की काली कमाई को वाइट किया है। ईडी को प्रारंभिक जांच में इसके प्रमाण मिले हैं।

पिछली सरकार के समय केके श्रीवास्तव ज्योतिष के नाम से चर्चित था। वो कई नेताओं के लिए ब्लैक मनी खपाने के लिए खातों की व्यवस्था करता था। तेलीबांधा पुलिस को खातों की जांच के दौरान 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन मिला है। उसके पास 400 करोड़ से ज्यादा की कैश होने की भी सूचना है। जिसे उसने कहीं छिपा दिया है।

अफसरों और नेताओं से करीबी का फायदा उठाकर ही उसने यूपी के रावत एसोशिएट के मालिक अर्जुन रावत को नवा रायपुर में 500 करोड़ का प्रोजेक्ट दिलाने का झांसा दिया और उससे पैसे लिए। श्रीवास्तव ने पैसे लेने के बाद भी कारोबारी को प्रोजेक्ट नहीं दिलाया। वह पैसे भी नहीं लौटा रहा था। तेलाबांधा में हुई FIR के आधार पर ED ने ECIR दर्ज कर जांच शुरू की है।