चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार हार से प्रदेश कांग्रेस स्तब्ध है। पार्टी में घमासान मच गया है। साथ ही प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं। खुद सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा है।
सैलजा ने कहा है कि प्रदेश नेतृत्व की जिम्मेदारी पर चर्चा करनी होगी। कहां पर किसकी कमी रही, यह हाईकमान देखेगा। अपनी कमियों के बारे में सोचना होगा। एक टीवी चैनल से बातचीत में कुमारी सैलजा ने कहा कि हमें 60 से अधिक सीटें जीतने की उम्मीद थी, लेकिन परिणाम इसके उलट आए हैं। हम सभी को मंथन की जरूरत है।
इस समय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस हाईकमान ने फ्री हैंड दे रखा है और उनके ही समर्थक चौधरी उदयभान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। कुमारी सैलजा शुरू से ही संगठन नहीं बनाने को लेकर भी सवाल उठाती रही हैं। इसके अलावा, लोकसभा और विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर सैलजा हाईकमान के सामने नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं।
अब हुड्डा विरोधी खेमा एक बार फिर से एक्टिव होने की तैयारी में है, ताकि विरोधी खेमे को तव्वजो मिल सके। संभावना है कि एक बार फिर सभी विरोधी मिलकर हाईकमान के सामने अपनी बात रखेंगे और प्रदेश नेतृत्व बदलाव की मांग करेंगे। एकजुट होने वाले नेताओं में कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव समेत अन्य नेता शामिल हैं। वहीं, किरण चौधरी हुड्डा खेमे से नाराज होकर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा चुकी हैं।
सीएम पद को लेकर दावेदारी से खुलकर सामने आई गुटबाजी
चुनाव के परिणाम से पहले ही कांग्रेसी नेता इतने उत्साहित थे कि वे सीएम बनने को लेकर लाबिंग करने में जुट गए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला सीएम बनने को लेकर दावा जताते रहे। इससे पार्टी में खुलकर गुटबाजी सामने आई। खास बात ये रही कि हाईकमान की ओर से भी नेताओं की बयानबाजी पर कोई नियंत्रण नहीं किया गया।