आरजी कर हत्याकांड पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई; कोर्ट ने सीधे प्रसारण पर रोक लगाने से किया इनकार

Supreme Court Hearing Kolkata rape-murder case refuses to stop streaming of live proceedings All Updates

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हत्याकांड को लेकर मंगलवार को सुनवाई की। कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले से जुड़ी याचिका पर स्वत: संज्ञान लिया था। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ मामले पर सुनवाई की।

इससे पहले, अदालत ने बंगाल में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को काम पर लौटने के लिए कहा था। वहीं, सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने सीबीआई द्वारा नए सिरे से स्थिति रिपोर्ट भी मांगी थी।  

बहस से पहले यह लिया फैसला
सीजेआई चंद्रचूड़ ने सुनवाई शुरू होने से पहले कहा, ‘चलिए बहस शुरू होने से पहले कुछ फैसले लेते हैं। कोई भी बीच में नहीं उठेगा और न ही चिल्लाएगा क्योंकि इसे लाइव स्ट्रीम किया जा रहा है।’

सरकार के वकील ने यह किया अनुरोध
इस दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले में सुनवाई के सीधे प्रसारण को रोकने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि क्या होता है जब आप इस तरह के मामलों को लाइवस्ट्रीम करते हैं, जिसमें बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। हम आरोपी का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं, हमारी 50 साल की प्रतिष्ठा है! 

इस पर पीठ ने कहा कि यह खुली अदालत है। यह जनहित का मामला है। वहीं, सिब्बल ने कहा, ‘यह हमारी प्रतिष्ठा के बारे में भी है! मैं कहां हंस रहा था? यह उचित नहीं है! चैम्बर की महिला वकीलों को तेजाब हमले और दुष्कर्म की धमकियां मिल रही हैं।’ बता दें, सिब्बल सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों को दी जा रही धमकियों का जिक्र कर रहे थे। 

‘सुनवाई के सीधे प्रसारण पर नहीं लगेगी रोक’
इस पर पीठ ने कहा कि वह सुनवाई के सीधे प्रसारण पर रोक नहीं लगाएगी, क्योंकि यह जनहित का मामला है। कोर्ट ने सिब्बल को आश्वस्त किया कि अगर वकीलों और अन्य लोगों को कोई खतरा होगा तो वह कदम उठाएगा।

सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट पर भी गौर किया
कोर्ट ने इस मामले की जांच में अब तक हुई प्रगति पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की स्टेटस रिपोर्ट पर भी गौर किया। दरअसल, कोर्ट ने घटना के मामले में पोस्टमॉर्टम के लिए जरूरी एक अहम दस्तावेज नहीं होने पर 9 सितंबर को चिंता जताई थी और पश्चिम बंगाल सरकार से एक रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने 22 अगस्त को महिला चिकित्सक की अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में देरी को लेकर कोलकाता पुलिस से नाराजगी जताई थी।

यह है मामला
गौरतलब है, अस्पताल के सेमिनार कक्ष में नौ अगस्त को प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिलने के बाद से घटना के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस ने इस सिलसिले में कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। टीएमसी सरकार और पश्चिम बंगाल पुलिस कठघरे में है। सुप्रीम कोर्ट से लगातार फटकार लग रही है। तनाव बढ़ता देख कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इससे पहले कोलकाता पुलिस मामले की जांच कर रही थी।