नईदिल्ली : भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे पल हैं जो क्रिकेटरों को मेंटरशिप देने और उनके करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ऐसा ही एक यादगार पल वो था जब हरभजन सिंह ने युवा विराट कोहली को एक अहम मेसेज दिया था. आज क्रिकेट के सबसे बड़े दिग्गजों में से एक माने जाने वाले विराट ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत में स्ट्रगल किया. 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू में विराट ने सिर्फ 19 रन बनाए, जो उनके वनडे फॉर्म की तुलना में काफी निराशाजनक था.
विराट कोहली को हरभजन सिंह से मिली थी तारीफ
क्रिकेटर हरभजन सिंह ने विराट कोहली के साथ उनके शुरुआती दिनों में खेला है. उन्होंने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है जो कोहली के क्रिकेट सफर पर रोशनी डालता है. हरभजन सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया, “मुझे एक घटना याद है जब वीरेंद्र सहवाग चोटिल थे और अजंता मेंडिस सभी को आउट कर रहे थे. विराट एक युवा खिलाड़ी के रूप में आए, ऊर्जा से भरे हुए. उन्होंने पचास रन बनाए और मुझसे पूछा, ‘पाजी, कैसा खेला?’ मैंने कहा, ‘बहुत अच्छा’ इसके बाद विराट ने कहा, ‘मुझे आउट नहीं होना चाहिए था, मुझे और खेलना चाहिए था.’ मुझे उनका आत्मविश्वास और खेल के प्रति उनका जुनून बहुत पसंद आया.”
जब हरभजन ने विराट को दी थी चुनौती
विराट कोहली ने अपने करियर में कई बड़े रिकॉर्ड बनाए हैं, लेकिन उनका सफर आसान नहीं रहा है. हरभजन ने बताया कि शुरुआती दिनों में कोहली को अपने करियर को लेकर संदेह था और उन्हें मार्गदर्शन की जरूरत थी. हरभजन ने कहा, “जब हम वेस्टइंडीज दौरे पर थे, तो फिडेल एडवर्ड्स ने विराट को बहुत परेशान किया. वह बार-बार एलबीडब्ल्यू और शॉर्ट गेंदों पर आउट हो रहे थे, जिससे वह निराश हो गए और उन्होंने खुद से सवाल किया, ‘क्या मैं अच्छा हूं?’ मैंने उन्हें सलाह दी कि अगर आप 10,000 रन नहीं बनाते हैं, तो आप खुद को शर्मिंदा करेंगे. आपके पास 10,000 रन बनाने की पूरी क्षमता है. और अगर आप नहीं बनाते हैं, तो यह आपकी अपनी गलती होगी.”