अंबिकापुर। अंबिकापुर में स्टील कारोबारी अक्षत अग्रवाल की हत्या की गुत्थी उलझती ही जा रही है। पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी संजीव मंडल का दावा है कि अक्षत ने खुद ही अपनी हत्या की सुपारी दी थी। पहले गोली भी अक्षत ने ही खुद पर चलाई। इसके बाद आरोपी ने उस पर 2 गोलियां दागी।
दरअसल, अंबिका स्टील इंडस्ट्रीज के संचालक महेश केडिया के बेटे अक्षत अग्रवाल का शव गांधीनगर थाना क्षेत्र में बुधवार सुबह अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर कार में मिला था। अक्षत मंगलवार शाम से लापता था। पुलिस ने इस मामले में कंपनी के ही पूर्व कर्मचारी संजीव मंडल को गिरफ्तार किया है।
आरोपी को पुलिस मौके पर ले गई थी। आरोपी का दावा है कि, अक्षत ने खुद कहा था कि, हत्या के बाद पिस्टल को ले जाकर कहीं और फेंक देना।
अक्षत मर्डर केस में क्या है आरोपी का दावा…
आरोपी संजीव का दावा है-‘अक्षत अग्रवाल ने कॉल किया और शाम को साईं कॉलेज के पास बुलाया था। मुझसे कहा कि शराब पीकर मत आना और मोबाइल घर में छोड़ देना। शाम को मैं बाइक से बताई जगह पर पहुंच गया। थोड़ी देर में अक्षत आया और मुझे कार में बैठने के लिए कहा। मैंने अपनी बाइक वहीं छोड़ दी। ‘
‘अक्षत ही 3 पिस्टल और 34 कारतूस लेकर आया था। उसने पिस्टल लोड करने के लिए मुझे दी, लेकिन मैं लोड नहीं कर सका। इसके बाद अक्षत ने खुद पिस्टल ले ली और उसमें 4 गोलियां भरीं। फिर मुझको दे दी। रास्ते में मैंने उससे पूछा कि किसे गोली मारनी है? इस पर अक्षत ने कहा कि मुझे ही।’
‘अक्षत ने रास्ते में सुनसान जगह पर कार रोक दी। वहां हम दोनों में करीब 10 मिनट बात हुई। इस दौरान उसने खुद को गोली मारने के लिए कहा। मैंने पिस्टल उसकी ओर तानी, लेकिन गोली नहीं चला पा रहा था। तभी अक्षत ने खुद से ही ट्रिगर दबा दिया। गोली उसके सीने में लगी। इसके बाद मैंने भी 2 फायर किए। एक गोली सीने और एक पेट में लगी।‘
‘गोली मारने के बाद मैं पैदल ही अपनी बाइक तक गया। इसके बाद बाइक लेकर घर पहुंचा। वहां कपड़े बदले। फिर पैसे और गहने रखकर शराब पीने के लिए चला गया। इन्हीं गहनों और रुपए में हत्या की सुपारी दी थी।‘
तस्वीरों में देखिए अक्षत मर्डर केस…
जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और कार से अक्षत के शव को बाहर निकाला।
वारदात स्थल और उसके आसपास से पुलिस और फॉरेंसिक की टीम ने साक्ष्य जुटाए।
कार की ड्राइविंग सीट पर ही अक्षत का शव पड़ा हुआ था। उसे तीन गोलियां मारी गई थीं।
फॉरेंसिक टीम ने कार से भी साक्ष्य जुटाए हैं। अभी तक कार में सिर्फ अक्षत और संजीव के ही होने की बात सामने आई है। कोई संघर्ष के निशान भी नहीं मिले हैं।
करीब 2 साल से संपर्क में नहीं थे आरोपी और अक्षत
पुलिस जांच में अभी तक पता चला है कि आरोपी संजीव मंडल और अक्षत दोनों करीब 2 साल से एक-दूसरे के संपर्क में नहीं थे। पुलिस ने पूछताछ और मोबाइल कॉल से ये जानकारी जुटाई है। यह भी पता चला है कि अक्षत ने ही पहला कॉल संजीव को किया था। फिलहाल पुलिस आज संजीव को कोर्ट में पेश करेगी।
पुलिस ने आरोपी संजीव मंडल के पुराने घर से 3 पिस्टल, 7.65 एमएम के 31 कारतूस, 47 हजार रुपए कैश, सोने की चेन, ब्रेसलेट और अंगूठी बरामद कर ली है। पिस्टल और कारतूस को एक बैग में बांधकर घर के पीछे की ओर फेंका गया था।
पुलिस ने वारदात स्थल को सील कर दिया है। सड़क से अंदर जंगल की तरफ अक्षत की कार बरामद हुई थी। आरोपी संजीव मंडल की निशानदेही पर ही पुलिस यहां तक पहुंची।
अब जानिए अक्षत के लापता होने से शव मिलने तक की कहानी…
अंबिका स्टील इंडस्ट्रीज के संचालक महेश केडिया का बेटा अक्षत अग्रवाल मंगलवार शाम कार लेकर घर से निकला था। इसके बाद 6.30 बजे उसका मोबाइल बंद हो गया। देर रात तक उसका पता नहीं चलने पर परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की सूचना दी थी।
पुलिस ने अक्षत के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की, तो वो डिगमा टावर रेंज में मिली। इसके बाद अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की गई। इसमें अक्षत की कार शाम करीब 6.30 बजे स्पॉट हुई। कार में अक्षत के साथ एक शख्स और दिखाई दिया।
पुलिस ने परिजनों को फुटेज दिखाया तो उन्होंने शख्स की पहचान उनकी फर्म में पहले काम कर चुके संजीव मंडल के रूप में की। इसके बाद पुलिस ने बुधवार सुबह संजीव मंडल को उसके घर से पकड़ा और पूछताछ की। इसमें उसने अक्षत के मरने की जानकारी दी।
साथ ही संजीव ही पुलिस को अक्षत की कार तक लेकर गया। कार चठिरमा गोशाला के पास जंगल में खड़ी थी। कार के अंदर अक्षत का खून से लथपथ शव सीट पर था। पुलिस ने कार का शीशा तोड़कर अक्षत के शव को बाहर निकाला।
अंबिका स्टील इंडस्ट्रीज के संचालक महेश केडिया का बेटा अक्षत अग्रवाल अब खुद ही पिता का कारोबार संभालने लगा था। अक्षत ने इस फोटो को 20 मई को फेसबुक पर पोस्ट किया था।
पिता ने कहा था- जल्दी आना
मंगलवार को साप्ताहिक बंद के कारण अंबिका स्टील फर्म भी बंद थी। दिन में अक्षत घर पर था। उसके भैया-भाभी शाम को खरसिया से आने वाले थे। वह घर से कार लेकर निकला तो पिता ने कहा था कि जल्दी आना। वह आधे घंटे में आने के लिए बोलकर निकला था, जिसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया।
ASP अमलोक सिंह ने बताया कि अक्षत के दोस्तों से भी पूछताछ की गई है। उनका कहना है कि अक्षत पिछले कई दिनों से परेशान चल रहा था। हालांकि उसने अपनी परेशानी का कारण नहीं बताया। वह कई बार पूछता भी था कि पिस्टल कहां से मिल सकती है। अक्षत के परिजन सदमे में हैं। उनसे अभी संपर्क नहीं किया गया है। उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
अभी इन सवालों के नहीं हैं जवाब
- जब अक्षत ने खुद को गोली मार ली, तो संजीव मंडल ने उस पर दो फायर क्यों किए?
- अक्षत को खुदकुशी ही करनी थी तो उसने संजीव को क्यों उसकी हत्या के लिए सुपारी दी?
- जो पिस्टल बरामद हुई हैं, उनमें दो फैक्ट्री मेड और महंगी हैं, ये और गोलियां कहां से मिली?
- तीन पिस्टल और इतनी सारी गोलियों की जरूरत क्यों पड़ी?
- अक्षत अपने व्यवसायिक फर्म के करोड़ों रुपए का व्यवसाय संभाल रहा था। ऐसे में क्या हुआ, जो उसे ऐसा कदम उठाना पड़ा?
- संजीव ने अक्षत की हत्या क्यों की? या संजीव की कहानी सच है?