रायपुर। छत्तीसगढ़ में करीब 5000 पटवारी सोमवार से काम बंद कर हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते प्रदेश भर में जमीन का नक्शा, गिरदावरी रिपोर्ट, जमाबंदी, राजस्व, फसल नुकसान का सर्वे, आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र बनाने का काम ठप हो गया है।
नवा रायपुर के धरना स्थल पर पटवारियों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है। उनकी मांग है कि सरकार ऑनलाइन काम करने के लिए सुविधा उपलब्ध कराए। पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप ने कहा कि, हमारी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। हमने राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को पत्र भेजा है।
दरअसल, पटवारी लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उन्हें कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर और इंटरनेट की सुविधा दी जाए। पटवारी फिलहाल अपने संसाधन से ऑनलाइन काम कर रहे हैं। इसकी वजह से उन पर अतिरिक्त खर्च का भार आ रहा है। पहले भी उन्होंने राजस्व सचिव और भू-अभिलेख के संचालक को ज्ञापन दिया था, पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को भेजे पत्र में पटवारियों ने अपनी 32 सूत्रीय मांग की जानकारी दी थी। बताया था कि, भुइंया सॉफ्टवेयर, जो छत्तीसगढ़ में जमीन के रिकॉर्ड मेंटेन करने का एक डिजिटल सॉफ्टवेयर है।वहीं किसान और जमीन के मालिकों को बेवजह कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। साथ ही 8 जुलाई से आंदोलन का अल्टीमेटम भी दिया था।
राजस्व मंत्री से पटवारियों ने मांग की थी कि, किसानों के हित में सॉफ्टवेयर में आवश्यक सुधार करें। सॉफ्टवेयर की परेशानी के लिए आम लोग पटवारी को जिम्मेदार मान रहे हैं। सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाए और दोषी पर कार्रवाई की जाए। पटवारी को प्रताड़ित करने की बजाय पटवारी का पद ही समाप्त कर दिया जाए।