नई दिल्ली। मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट जुलाई के पहले या तीसरे सप्ताह में आ सकता है। पहले पूर्ण बजट में महिलाओं-किसानों और युवाओं के लिए सरकार खजाना खोल सकती है। युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाने के नए उपाय बजट में दिखाई दे सकते हैं, तो महिलाओं को लखपति बनाने की भाजपा की योजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार भारी निवेश की घोषणा कर सकती है। केंद्र सरकार ने 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के इलाज के लिए बड़ी घोषणा भी कर सकती है। इसके लिए एक माह का सत्र बुलाया जा सकता है। चुनावी वर्ष होने के कारण फरवरी माह में सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था जिसमें किसी बड़ी घोषणा से दूरी बरती गई थी।
रोजगार के मोर्चे पर सबसे अहम प्रयास
केंद्र सरकार के लिए आने वाले वर्षों में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सबसे बड़ी चुनौती रहने वाला है। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार एक बार फिर सड़क परिवहन, बंदरगाह, रेल, विभिन्न शहरों में मेट्रो, मोनोरेल और हवाई अड्डों के विकास को अपनी प्राथमिकता में रख सकती है। स्टार्टअप और स्किल इंडिया के विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए विकास देना सरकार की प्राथमिकता रह सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, आयकर छूट की सीमा पहले ही काफी अधिक है, लिहाजा इसे और ज्यादा बढ़ने की संभावना नहीं है। लेकिन सरकारी नौकरी पेशा लोगों की बचत बढ़ाने के लिए जीवन बीमा निगम और शेयर बाजार सहित विभिन्न योजनाओं में निवेश के बाद उन्हें और ज्यादा टैक्स छूट का लाभ मिल सकता है।
ग्रीन बजट पर रहेगा जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के एक करोड़ घरों पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इसके लिए केंद्रीय बजट में बड़े निवेश की घोषणा की जा सकती है। इससे सौर ऊर्जा सेक्टर में तेजी आ सकती है, तो लोगों को स्वच्छ हरित ऊर्जा प्राप्त करने में भी मदद मिल सकती है। इसी साल हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसका असर भी केंद्र सरकार के पूर्ण बजट पर दिखाई दे सकता है।
बड़े निवेश से अर्थव्यवस्था को मिलेगी तेज रफ्तार
आर्थिक मामलों के जानकार डॉ. नागेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही गरीबों के लिए तीन करोड़ नए मकान बनाने की घोषणा कर दी है। पहले पूर्ण बजट में इस योजना के लिए भारी धनराशि जारी की जा सकती है। इस राशि के बाजार में आने से सीमेंट, स्टील, पेंट्स, ईंट, वाहन, फर्नीचर सहित लगभग 50 क्षेत्रों में तेजी आ सकती है।
चूंकि, केंद्र सरकार की प्राथमिकता ग्रामीण इलाकों में गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की अधिक है, लिहाजा इस योजना का अधिकतम हिस्सा ग्रामीण इलाकों में जा सकता है। इससे ग्रामीण इलाकों में रोजगार के निर्माण में मदद मिलेगी। विशेषकर आदिवासी बहुल इलाकों में गरीबों को आवास देना सरकार की प्राथमिकता में रह सकता है।