रायपुर। बलौदाबाजार में बीते 10 जून को सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई. राज्य सरकार ने मामले में एक्शन लेते हुए जिले के कलेक्टर और SP को हटा दिया गया है. वहीं मामले की जांच के लिए विशेष पुलिस टीम भी गठित की है. हिंसा के पीछे सरकार ने कांग्रेस की राजनीतिक साजिश बताया है. आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस के विधायकों, पूर्व मंत्रियों और नेताओं ने लोगों को भड़काने का काम किया है. सरकार के इस बयान के बाद छत्तीगसगढ़ में भूपेश सरकार के दौरान मंत्री रहे गुरु रूद्र कुमार रायपुर के एसपी दफ्तर गिरफ्तारी देने पहुंचे हैं.
पूर्व मंत्री गुरु रूद्र ने तीन मंत्रियों के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करने की बात भी कही है. उन्होंने बताया कि तीन-तीन मंत्रियों ने मुझ पर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है, इसलिए मैं खुद गिरफ्तारी देने आया हूं. गिरोधपुरी में हमारे समाज के सबसे बड़े तीर्थ स्थल में जैत खाम को तोड़ा जाता है. इस मामले पर झूठी गिरफ्तारी की जाती है. हम पूरे मामले पर CBI जांच की मांग कर रहे थे. राज्य से लेकर केंद्र तक में उनकी सरकार है. लेकिन फिर भी मामले पर ढिलाई बरती गई है. जिसकी वजह से हिंसा भड़की.
सरकार सिर्फ़ राजनीति कर रही है – पूर्व मंत्री गुरु रूद्र
पूर्व मंत्री गुरु रूद्र ने कहा- हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पहुंचे हुए थे. हमारा समाज परम पूज्य गुरु घासीदास जी का अनुयायी है. हम सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हैं. हमारे समाज के द्वारा एसी निंदनीय घटना नहीं की जा सकती है. यही सब जांच का विषय है. इस घटना में असामाजिक तत्वों की संलिप्तता रही. लेकिन सरकार जांच न कर सिर्फ़ राजनीति कर रही है. दोषियों को पकड़ना छोड़ हमारे ऊपर षड्यंत्र का आरोप लगा रहे हैं. न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में जहां भी मेरा समाज मुझे याद करेगा मैं जरुर उस जगह पर जाऊंगा. मैंने वहां भाषण दिया, फिर भी मेरे ऊपर इतना घिनौना आरोप लगाया गया है. जिससे पूरा समाज आहत. हमारी मांग है की तीनों मंत्री हमसे माफ़ी मांगें नहीं तो मानहानि का दावा करूंगा और जब तक मेरी गिरफ्तारी नहीं कर ली जाती है. तब तक एसपी कार्यालय में बैठे रहूंगा.
पूर्व मंत्री गुरु रूद्र के गिरफ़्तारी देने पहुंचने के सवाल पर सिविल लाइन सीएसपी अनुराग झा ने कहा कि एसपी साहब मीटिंग में व्यस्त हैं. इनका कहना है, इन्हें गिरफ्तार किया जाए. सभी चीज़ें प्रक्रिया के तहत की जाती है. कानून के दायरे में रहते हुए पुलिस सारा काम करती है.