भुबनेश्वर। ओडिशा में पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के उत्तराधिकारी माने जा रहे पूर्व नौकरशाह वीके पांडियन ने राजनीति छोड़ने का एलान किया है। वीके पांडियन ने एक वीडियो संदेश में कहा कि राजनीति में आने का उनका मकसद केवल पटनायक की सहायता करना था। हालांकि, अब वे सक्रिय राजनीति से अलग हो रहे हैं। पांडियन ने कहा कि अगर उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान किसी को ठेस पहुंचाई हो तो मुझे खेद है। उन्होंने कहा कि अगर उनके खिलाफ चले अभियान के कारण बीजू जनता दल को हार का सामना करना पड़ा है तो उन्हें खेद है। पांडियन ने कहा कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं समेत पूरे बीजद परिवार से माफी मांगते हैं।
पांडियन की राजनीतिक सक्रियता घटी, सीएम पटनायक ने की थी सराहना
गौरतलब है कि चार जून को चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद पांडियन सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए हैं। पांच जून को जब सीएम पटनायक इस्तीफा देने राज्यपाल रघुवर दास के पास गए थे, पांडियन उस समय भी साथ नहीं दिखे थे। उन्हें नवीन निवास में बीजद नेताओं की बैठक में भी नहीं देखा गया। ओडिशा में भाजपा के हाथों मिली करारी हार के बाद पांडियन की आलोचना को पूर्व सीएम पटनायक ने ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि पांडियन ने बीजद में शामिल होने के बाद ‘शानदार काम’ किया।
किस पार्टी को कितनी सीटें मिलीं
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2024 में करारी हार का स्वाद चखने के साथ-साथ बीजू जनता दल इस बार के लोकसभा चुनाव में एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत सकी। कमजोर होते जनाधार के बीच बीजद के कई बड़े नेता अपने किले बचाने में भी कामयाब नहीं रहे। भाजपा ने 78 सीटें जीतकर बीजद की ढाई दशक पुरानी सरकार को उखाड़ फेंका। पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी को केवल 51 विधानसभा सीटें मिलीं। कांग्रेस को 14, जबकि वाम दल- सीपीआईएम को एक सीट मिली। तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी जीतने में सफल रहे।
पांच साल पहले कैसे थे समीकरण
गौरतलब है कि चुनाव से पहले ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) लगातार छठी बार सरकार बनाने का दावा कर रही थी। हालांकि, 147 सदस्यीय विधानसभा के समीकरणों में बड़ा बदलाव हुआ और पहली बार भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला। इस बार 17वीं विधानसभा का गठन होगा। 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले किस दल के पास कितनी सीटें थीं:
- बीजू जनता दल- 108
- भाजपा- 22
- कांग्रेस-09
- सीपीएम- 01
- निर्दलीय- 01
- पार्टी से निलंबित- 04