किन्नर महामंडलेश्वर पीएम मोदी के सामने नहीं लड़ेंगी चुनाव? फैसला वापस, हिमांगी सखी ने कहा हमारे साथ धोखा किया, वीडियो

नईदिल्ली : किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव नहीं लड़ेंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि अखिल भारत हिंदू महासभा ने फैसला वापस ले लिया है। संत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज द्वारा वीडियो जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी गई है। वहीं किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का कहना है कि उनसे झूठ बोला गया और उनके साथ धोखा हुआ है।

फिलहाल अखिल भारत हिंदू महासभा द्वारा फैसला वापस लिए जाने के बाद आगे क्या करना है इसके बारे में हिमांगी सखी द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई है ऐसे में चर्चा है कि अब यह चुनाव नहीं लड़ेंगी। हालांकि कुछ लोगों द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि अखिल भारत हिंदू महासभा द्वारा फैसला वापस लिए जाने के बाद किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी दूसरी पार्टी या निर्दलीय भी चुनाव मैदान में उतर सकती हैं।

इस बारे में स्वामी चक्रपाणि महाराज द्वारा वीडियो जारी करते हुए बताया गया कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सम्मान में एक कदम है। उन्होंने प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहा राव के चुनाव का भी जिक्र किया। आपसी वैचारिक मतभेद के बाद भी इस तरह के निर्णय यह एक लोकतंत्र का सम्मान है। इसलिए मेरा मानना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जिनके रहते धारा 370 समाप्त हुई, श्री राम मंदिर बना तो यह हम सबका कर्तव्य है की सभी राजनीतिक पार्टियों को वैचारिक मतभेद होते हुए भी अपने प्रत्याशी को वापस लेने चाहिए।

स्वामी चक्रपाणि महाराज ने यह भी कहा कि श्री राम मंदिर मामले में हम मुख्य पक्षकार थे, लेकिन हमें राम मंदिर ट्रस्ट में नहीं रखा गया ना ही निमंत्रण दिया गया। हमें बहुत अपार कष्ट हुआ लेकिन उसके बावजूद भी जब बात माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सम्मान की आती है तो यह हम सब शिकायतें बहुत छोटी हो जाती हैं, हमारा कर्तव्य है की छोटी-मोटी बातों को भूलकर बिना शर्त माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का साथ और समर्थन दिया जाए।

हिमांगी सखी ने एक्‍स पर लिखा मैसेज
टिकट वापस लिए जाने के बाद हिमांगी सखी द्वारा सोशल साइट एक्‍स पर लिखा गया कि उन्हें झूठ बोलकर चुनाव मैदान में उतर गया था। उन्होंने यह भी लिखा है कि उनके साथ धोखा हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने 2 अप्रैल 2024 को जारी भारत निर्वाचन आयोग सचिवालय का एक पत्र भी शेयर किया है।