लखनऊ। भाजपा ने रविवार की रात 111 उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी कर दी है। पांचवीं सूची में सबसे चौंकाने वाला निर्णय फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी पीलीभीत सीट से टिकट कटना था। लंबे समय से वरुण गांधी के टिकट को लेकर चल रही रस्साकशी भी खत्म हो गई। अब वरुण गांधी क्या निर्णय लेंगे, इस पर सबकी नजर है। क्योंकि नामांकन के लिए सिर्फ कल तक का वक्त है। पीलीभीत में पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को मतदान है। बुधवार नामांकन पत्र जमा करने का अंतिम दिन है। बताया जा रहा है कि सपा और बसपा प्रत्याशी आज अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
दरअसल, पीलीभीत लोकसभा सीट पिछले चार चुनावों से भाजपा के कब्जे में है। मौजूदा समय में वरुण गांधी इस सीट से सांसद हैं। वरुण गांधी लंबे समय से पार्टी की नीतियों को लेकर मुखर रहे हैं। उनके बयानों पर खूब चर्चा हुई। हालांकि कुछ समय पूर्व से उनके बयानों में नरमी आई थी, लेकिन तब तक उनके टिकट को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया।
प्रतिनिधि खरीद चुके हैं नामांकन पत्र
भाजपा की पहली सूची जारी होने के बाद कई दावेदारों के नाम चर्चा में आए थे। उनमें एक नाम जितिन प्रसाद का भी था। रविवार की रात आई सूची में पार्टी ने जितिन प्रसाद के नाम पर मुहर लगा दी। इसके साथ ही जिले में चुनावी हलचल तेज हो गई है। वरुण गांधी का टिकट कटने के बाद नई चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। वरुण गांधी किसी ओर पार्टी में जाएंगे। क्योंकि नामांकन के पहले दिन वरुण गांधी के प्रतिनिधि ने भी नामांकन पत्र खरीदे थे, जो अब चर्चा में हैं।
अब कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वरुण गांधी कांग्रेस का ‘हाथ’ पकड़ेंगे या फिर साइकिल की सवारी करेंगे। सपा में जाने की संभावनाएं प्रबल इसलिए भी हो गई हैं कि सपा के पीलीभीत लोकसभा सीट से घोषित प्रत्याशी पूर्व राज्यमंत्री भगवत सरन गंगवार का गुरुवार को चौंकाने वाला वीडियो सामने आया था। इसमें वह मीडिया से बात करते हुए भाजपा नेता वरुण गांधी को लेकर काफी भावात्मक नजर आए। उन्होंने कहा कि वरुण गांधी बड़े नेता हैं।
अगर सपा मुखिया उन्हें पीलीभीत से चुनाव लड़ाना चाहेंगे तो वह बिना किसी से कुछ कहे अपनी दावेदारी छोड़ देंगे। हालांकि बयान वायरल होने के कुछ देर बाद भगवत सरन ने वीडियो में कही जा रही बात से इनकार कर दिया। कहा कि, उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा।
नवाबगंज के अहमदाबाद गांव निवासी भगवत सरन गंगवार सपा के कद्दावर नेता हैं और राज्यमंत्री रह चुके हैं। पार्टी ने उन्हें इस बार पीलीभीत लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है।
बुधवार को टिकट घोषित होने के बाद गुरुवार को मीडिया के सवालों पर कहा कि, वह स्वभाव से राजनैतिक कम बल्कि आध्यात्मिक ज्यादा हैं। उनके गुरु ने कह रखा है कि परेशान लोगों की मदद करना। इसीलिए कोई उनका व्यक्तिगत विरोधी नहीं है।
इसी बातचीत में वह वरुण गांधी की तारीफ भी कर बैठे। कह गए कि वरुण ही नहीं बल्कि उनकी बहन प्रियंका गांधी या भाई राहुल गांधी भी सपा मुखिया से अनुरोध करेंगे तो उन्हें पीलीभीत सीट छोड़ने में कोई गुरेज नहीं होगा। बाद में उन्होंने बयान से किनारा कर लिया। कहा कि, उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा।
कांग्रेस में जा सकते हैं वरुण गांधी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वरुण गांधी कांग्रेस में भी जा सकते हैं, कांग्रेस उन्हें अमेठी या फिर रायबरेली सीट से उम्मीदवार बना सकती है। क्योंकि कांग्रेस ने अभी इन दोनों सीटों पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। हालांकि भाजपा से टिकट कटने के बाद सांसद वरुण गांधी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इतना जरूर है कि वरुण गांधी काफी समय से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। ऐसी भी संभावना है कि वो पीलीभीत सीट से ही निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं।