नई दिल्ली: वुमेंस प्रीमियर लीग का फाइनल जीतने के साथ ही रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने फ्रैंचाइजी क्रिकेट में 17 साल पुराना ट्रॉफी का सूखा खत्म कर दिया। इंडियन प्रीमियर लीग में आरसीबी की मेंस टीम भले ही 2009, 2011 और 2016 में फाइनल तक पहुंचने में कामयाब हुई थी, लेकिन कभी आखिरी बाधा पार नहीं कर पाती। RCB के WPL 2024 जीतते ही पूरी दुनिया से रिएक्शंस आ रहे हैं। किंग कोहली ने फौरन वीडियो कॉल के जरिए अपनी टीम को बधाई दी। वह कप्तान स्मृति मंधाना से बात करते नजर आए। इस दौरान रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर फ्रैंचाइजी के पूर्व मालिक विजय माल्या ने भी कुछ कहा है।
विजय माल्या पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से धोखाधड़ी का आरोप है। माल्या बैंकों का 9000 करोड़ और उसका ब्याज बिना चुकाए देश छोड़कर भाग चुके हैं और लंदन में खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। अपनी एक्स टीम की जीत पर इस अय्याश बिजनसमैन ने ट्वीट किया, ‘RCB वुमिंस टीम को WPL जीतने की खूब बधाई। अगर RCB मेंस टीम भी IPL जीत ले, जिसका लंबे वक्त से इंतजार है, तो ये कमाल का डबल होगा। गुड लक।’ माल्या के ट्वीट करते ही इंटरनेट यूजर्स ने उनकी जमकर क्लास लगा दी। लोगों ने अपने सेंस ऑफ ह्यूमर से माल्या को धोकर रख दिया। इस बीच ट्रोल्स भी एक्टिव हो गए और इस भगोड़े बिजनसमैन की जमकर क्लास लगा दी। नीचे पोस्ट पर आए तमाम कमेंट्स से इस बात की तस्दीक भी कर सकते हैं।
2016 से RCB के साथ नहीं है माल्या
जब भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने साल 2007 में आईपीएल की घोषणा की तब विजय माल्या ने 111.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बोली के साथ रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की फ्रैंचाइजी खरीदी थी। उनके पास लोकप्रिय भारतीय अल्कोहल पेय कंपनियों – रॉयल चैलेंज और मैकडॉवेल्स जैसे शराब ब्रांड थे, जिन्हें वह आरसीबी के साथ जोड़ना चाहते थे। जाहिर है, आरसीबी का नाम रॉयल चैलेंज ब्रांड के नाम पर रखा गया था। यूनाइटेड स्पिरिट्स शुरू से ही आरसीबी की मूल कंपनी रही है। हालांकि, विजय माल्या को 2016 तक आरसीबी के मालिक के रूप में जाना जाता था। आरसीबी के मैचों में विजया माल्या और उनके बेटे की नियमित मौजूदगी के कारण, लोग आमतौर पर उन्हें ही मालिक समझते थे। माल्या ने 25 फरवरी 2016 को रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया।
RCB ऐसे बनी चैंपियन
पिछले साल टूर्नामेंट के पहले चरण में दिल्ली कैपिटल्स को फाइनल में मुंबई इंडियंस से हार मिली थी। वहीं आरसीबी महिला टीम का यह पहला फाइनल था और उसने धीमी शुरूआत के बाद दबाव से निपटते हुए आखिर में जीत हासिल की। आरसीबी की गेंदबाजी के सामने दिल्ली कैपिटल्स बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन से 18.3 ओवर में महज 113 रन पर सिमट गई। इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी आरसीबी ने धीमी शुरूआत की और कछुआ चाल से चलते हुए 19.3 ओवर में दो विकेट पर 115 रन बनाकर खिताब जीत लिया। उसकी बल्लेबाज टीम के पहले फाइनल में मैदान पर काफी दबाव में थीं लेकिन अंत में इससे निपटने में सफल रहीं। ऋचा घोष (नाबाद 17 रन, 14 गेंद, दो चौके) ने टीम के लिए विजयी चौका जड़ा। मंधाना ने 39 गेंद में 31 रन की धीमी पारी खेली और सोफी डिवाइन ने 27 गेंद में पांच चौके और एक छक्के से 32 रन का योगदान दिया। एलिसे पैरी 35 रन बनाकर नाबाद रहीं।