सनातन धर्म पर विवादित बयान मामले में उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, दी गई हिदायत

Supreme Court questions Tamil Nadu Minister Udhayanidhi Stalin over remarks about Sanatana Dharma News and upd

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर की गई टिप्पणियों को लेकर उन्हें फटकार लगाई। सर्वोच्च न्यायालय ने उनके इस बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि आप कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं। आप एक मंत्री हैं। आपको ऐसी टिप्पणियों के नतीजे पता होने चाहिए। 

दरअसल, उदयनिधि के खिलाफ सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी के मामले में अलग-अलग राज्यों में केस दर्ज हैं। इसी मामले में उनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट से सभी एफआईआर की एक साथ सुनवाई करने की अपील की है। हालांकि, कोर्ट ने स्टालिन को फटकार लगाते हुए कहा, “आप अभिव्यक्ति के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन करें और फिर अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट के पास सुरक्षा के लिए आते हैं।” कोर्ट ने इस मामले में 15 मार्च तक सुनवाई स्थगित कर दी।

उदयनिधि ने ऐसा क्या कहा जिससे पूरा विवाद खड़ा हुआ? 
तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने पिछले दिनों बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था। दरअसल, तमिलनाडु में सितंबर 2023 में ‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’ आयोजित किया गया था, जिसमें कई बड़े नेता शामिल हुए थे। इस सम्मेलन से जुड़ी एक क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें उनको यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन (समाप्त) करना है और हम केवल विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना, ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है और सनातन धर्म भी ऐसा ही है। सनातन को खत्म करना और उसका विरोध करना हमारा पहला काम होना चाहिए।’

हिंदू धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में भी पीआईएल दायर
इस बीच हिंदू सेना की तरफ से पेश हुए वकील बरुण सिन्हा ने कहा, “आज हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से एक जनहित याचिका दायर की गई थी। उन्होंने इसमें उदयनिधि स्टालिन, असदुद्दीन ओवैसी, स्वामी प्रसाद मौर्य, राजद नेता चंद्रशेखर और वीर बहादुर सिंह के खिलाफ जांच की मांग की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन नेताओं ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान हिंदुओं के खिलाफ नफरती भाषण दिए। याचिका में इनके खिलाफ केस दायर करने की मांग की गई है।” वकील ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी कुमार उपाध्याय की तरफ से दायर याचिका के साथ इसे लेते हुए सुनवाई की अगली तारीख दी है।