छत्तीसगढ़: कर्ज नहीं पटा पाने के कारण आत्महत्या करने वाले किसान का मुद्दा उठा, सत्तापक्ष के जवाब से विपक्ष नाराज; किया वॉकआउट

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के छठे दिन की कार्यवाही जारी है. विधानसभा में कर्ज नहीं पटा पाने के कारण आत्महत्या करने वाले नारायणपुर के किसान हीरू का मामला उठा. कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने ध्यानाकर्षण के जरिये सदन में यह मामला उठाया. इस दौरान पक्ष और विपक्ष में जमकर तीखी बहस हुई. वहीं सत्तापक्ष के जवाब से नाराज विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया.

सदन में सोमवार को ध्यानाकर्षण के जरिये किसान के आत्महत्या का मामला उठाते हुए कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा कि किसान हीरू ने 1 लाख 82 हजार रुपये का कर्ज बैंक से लिया था. चुनाव में दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का वादा किया गया था. नई सरकार के वादे से मुकरने की वजह से किसान ने आत्महत्या की है.

इसपर सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि किसान हीरू ने कर्ज नहीं पटा पाने की वजह से आत्महत्या नहीं की. किसान ने किसी भी बैंक से कर्ज नहीं लिया था. किसी भी बैंक से हीरू को नोटिस नहीं दिया गया था. किसान की मौत ज़हर की वजह से हुई थी.

कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा कि किसान की सास 70 वर्षीय है. पट्टा सास के नाम पर था इसलिए रिकॉर्ड में कर्ज सास के नाम पर था. हीरू घर का मुखिया था. घर चलाने की जिम्मेदारी हीरू पर थी. भाजपा नेताओं ने चुनाव के वक्त कर्जमाफ़ी की बात कही थी. क्या सरकार मृतक किसान का कर्ज माफ करेगी.

सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि 2014-15 की बोनस की राशि परिवार को दिया गया है. मृतक किसान ने कर्ज की वजह से आत्महत्या नहीं की थी. आपसी झगड़े की वजह से मृतक ने जहर खाया था.

वहीं लखेश्वर बघेल ने कहा, हम गांव वालों से मिलकर आये हैं. गांव के लोगों ने बयान दिया है. क्या ग्रामीण झूठ बोल रहे हैं? मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि मृतक ने 12 तारीख़ को जहर खाया था. हमारी सरकार बने महज सात दिन ही हुए थे. इस दौरान सत्तापक्ष के जवाब से नाराज विपक्ष ने वॉकआउट किया.