रायपुर/ अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेता अमरजीत भगत के ठिकानों पर 24 घंटे से भी ज्यादा समय से गुरुवार को भी आयकर विभाग की कार्रवाई जारी है। बुधवार को उनके अंबिकापुर स्थित आवास और रायपुर विधायक कॉलोनी स्थित बंगले पर दबिश दी गई थी।
इनकम टैक्स की टीम ने पूर्व मंत्री के पीए, उनके करीबी SI और व्यवसायी के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। सभी को हिरासत में लिया गया है। भगत का नाम कोयला घोटाले के आरोपियों में शामिल है। 17 जनवरी को ईडी ने एफआईआर दर्ज कराई है।
बताया जा रहा है कि कोयला घोटाले के सूत्रधार कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की डायरी में अमरजीत भगत का नाम है और उन पर 50 लाख रुपए लेने का जिक्र डायरी में है। भगत के अंबिकापुर के अलावा सीतापुर के बंगले में भी बुधवार को छापा मारा गया था।
अमरजीत भगत के रायपुर स्थित आवास सरगुजा कुटीर में भी IT टीम दस्तावेज खंगाल रही है। करीब दो एकड़ में बंगला, मंदिर, गार्डन और दफ्तर है। छापे के बाद अमरजीत की तबीयत बिगड़ी थी। उन्होंने कहा कि, कार्रवाई परेशान करने के लिए की जा रही है।
अमरजीत भगत के करीबी सिविल इंजीनियर प्रमोद टोप्पो को टीम ने हिरासत में लिया है। उसे फुंदुरडिहारी से पकड़ा है और फिलहाल अमरजीत के घर में रखा है। वह अमरजीत भगत का राजदार भी है। अंबिकापुर के कांग्रेस कार्यालय का निर्माण भी टोप्पो ने कराया था।
बलरामपुर में अमरजीत भगत के निजी सहायक राजेश वर्मा के घर से लाखों रुपए नगद, जेवरात और कई जमीनों के दस्तावेज जब्त करने की खबर है। हालांकि आयकर अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। राजेश वर्मा शिक्षक और उनकी पत्नी नर्स हैं।
भगत के नजदीकी एसआई रूपेश नारंग के घर पर भी टीम ने दबिश दी है। रूपेश नारंग रायपुर में थे। उन्हें आईटी की टीम ने पूछताछ के लिए रायपुर में ही हिरासत में लिया है। कांग्रेस शासनकाल में नारंग को सरगुजा क्षेत्र में प्रभावशाली पुलिस अधिकारी माना जाता था।
रायपुर के उद्योगपति हरपाल सिंह अरोरा को टीम ने अंबिकापुर के एक होटल से उठा लिया है। उनके रायपुर स्थित संस्थानों पर आईटी जांच जारी है। वे मंगलवार को अंबिकापुर में एक शादी समारोह में आए थे। वे भगत के करीबी एवं बिजनेस पार्टनर हैं। रायपुर में उनकी कई बड़ी संपत्तियां हैं।