छत्तीसगढ़: रमन मंत्रिमंडल से अलग होगा साय सरकार के कैबिनेट का रूप, अनुभव के साथ युवा शक्ति को मिल सकता है स्थान

रायपुर । छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के कैबिनेट का स्वरूप पूर्ववर्ती डा. रमन सिंह की सरकार से अलग होगा। मुख्यमंत्री साय समेत उप मुख्यमंत्री द्वय अरुण साव और विजय शर्मा सरकार में नए चेहरे के रूप में शामिल हुए हैं। अनुमान है कि साय के कैबिनेट में भी नए-पुराने चेहरों का समावेश देखने को मिल सकता है।

इस विधानसभा चुनाव में रमन कैबिनेट के तीन कार्यकाल में से 16 मंत्री चुनावी मैदान में थे। इनमें 11 चुनाव जीत चुके हैं। इसी तरह से भाजपा ने प्रदेश के चार लोकसभा सदस्यों को भी चुनाव मैदान में उतारा था। इनमें दुर्ग के लोकसभा सदस्य विजय बघेल चुनाव हार गए हैं। बिलासपुर के लोकसभा सदस्य अरुण साव उप मुख्यमंत्री बन चुके हैं। 

वहीं, लोकसभा सदस्य रेणुका सिंह और गोमती साय भी चुनाव जीत चुकी हैं। ऐसे में इन दिग्गजों को साय कैबिनेट में जगह देने की बड़ी चुनौती है, क्योंकि प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्री ही हो सकते हैं। अब तक मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री समेत तीन नियुक्त हो चुके हैं। बाकी 10 को मंत्री बनाना है, मगर दावेदारों की संख्या 15 से अधिक है। ऐसे में सभी संभागों में जातिगत समीकरण को देखते हुए साय को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करना होगा। 

कहा जा रहा है साय के मंत्रिमंडल में अनुभवी विधायकों से अधिक युवा विधायकों को स्थान मिल सकता है। मुख्यमंत्री साय ने कैबिनेट के विस्तार को लेकर कहा कि अभी इंतजार कीजिए। मंत्रिमंडल के नामों की घोषणा संभवत: 16 दिसंबर से पहले हो सकती है। 

हर संभाग से हैं बड़े चेहरे दावेदार

सरगुजा संभाग:

सरगुजा संभाग से स्वयं विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री बन चुके हैं। इसके अलावा यहां दो लोकसभा सदस्यों में रेणुका सिंह और गोमती साय हैं। इन दोनों नेत्रियों ने लोकसभा में कुछ दिन पहले ही इस्तीफा दे दिया था। सरगुजा संभाग से पूर्व राज्यसभा सदस्य व पूर्व मंत्री रामविचार नेताम भी मंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। इस संभाग में कुल 14 विधानसभा सीटों में सभी सीटों पर भाजपा को जीत मिली है। 

बिलासपुर संभाग से ये हैं दावेदार:

बिलासपुर संभाग से अरुण साव कैबिनेट में नए चेहरे हैं। वह उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। इसके अलावा यहां पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, वरिष्ठ नेता धरमजीत सिंह, धरमलाल कौशिक, ओपी चौधरी और पुन्नूलाल मोहले मंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। 

दुर्ग संभाग में ये बड़े चेहरे:

दुर्ग संभाग से उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा शपथ ले चुके हैं। वह सामान्य वर्ग से आते हैं। इसी संभाग से पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह आते हैं। उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। जबकि मंत्रिमंडल के लिए अहिवारा से डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, नवागढ़ से दयालदास बघेल प्रबल दावेदार हैं। मंत्रिमंडल में डोमनलाल शामिल हुए तो वे नया चेहरा होंगे। जबकि दयालदास पहले भी मंत्री रह चुके हैं। 

रायपुर संभाग: यहां चार दावेदार

रायपुर संभाग में वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत और गुरु खुशवंत साहेब प्रबल दावेदार हैं। यहां खुशवंत नया चेहरा हैं। बाकी रमन कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। 

बस्तर संभाग में तीन प्रबल दावेदार:

इस संभाग में केदार कश्यप, लता उसेंडी और विक्रम उसेंडी मंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। ये तीनों मंत्री रह चुके हैं। 

बड़े चेहरे को संतुष्ट करने के लिए बना सकते हैं पार्टी पदाधिकारी:

पार्टी सूत्रों के अनुसार, यदि मंत्रिमंडल में कुछ बड़े चेहरे शामिल नहीं हो पाए तो उन्हें पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी भी नियुक्त किया जा सकता है। बता दें कि अभी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव हैं, मगर उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद जिम्मेदारी बढ़ने के कारण पार्टी उन्हें अध्यक्ष पद से हटा सकती है। फिलहाल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में लोकसभा सदस्य विजय बघेल के नाम की भी चर्चा है।