छत्तीसगढ़:  ओपी चौधरी की 64443 वोटों के साथ सबसे बड़ी जीत, आशाराम मात्र 16 वोटों से विजयी

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर पूरी तरह साफ हो गई है। राज्य में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है।


वहीं दूसरी तरफ राज्य में सबसे कम और सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशियों की चर्चा हो रही है। रायगढ़ से भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी ने सबसे ज्यादा 64443 मतों से जीत का रिकॉर्ड दर्ज किया है। वहीं भाजपा के आशाराम नेताम ने कांकेर सीट से मात्र 16 वोटों से बाजी अपने नाम की है। 


कौन हैं ओपी चौधरी

साल 2005 बैच के आईएएस अफसर ने 13 साल सर्विस करने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था। भारतीय जनता पार्टी ने इस बार के चुनाव में ओपी चौधरी को रायगढ़ से अपना उम्मीदवार बनाया था। ओपी चौधरी को टोटल 129134 वोट मिले जिसमें उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को 64443 वोटों से हराया है। पूर्व आईएएस अफसर ओपी चौधरी का नाम खूब सुर्खियां बटोर रहा है। ओपी चौधरी को गृहमंत्री अमित शाह का बेहद करीबी माना जाता है। सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि भाजपा ओपी चौधरी को छत्तीसगढ़ का सीएम बना सकती है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है, सियासी पंडितों की तरफ से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं। रायगढ़ में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने जनता से कहा था कि आप चौधरी को चुनाव जिता दें। इन्हें बड़ा आदमी मैं बना दूंगा। बड़ा आदमी बनाना मेरा काम है।


दरअसल ओपी चौधरी ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में रायगढ़ जिले की खरसिया सीट से चुनाव लड़ा था। उस समय उनके सामने कांग्रेस के दिवंगत नेता नंदकुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल थे। इस चुनाव में उमेश पटेल ने ओपी चौधरी को शिकस्त दी थी। उमेश पटेल ने ओपी चौधरी को 16,967 मतों से हराया था। उमेश पटेल को 94,201 वोट मिले थे, वहीं ओपी चौधरी को 77,234 वोटों से संतुष्ट होना पड़ा था।


16 मतों से आशाराम नेताम ने दर्ज की जीत 

कांकेर जिले में विधानसभा की तीन सीटें हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में कांकेर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी आशाराम नेताम ने मात्र 16 मतों से जीत दर्ज की है। कांकेर विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर थी।