
अहमदाबाद। विश्व कप 2023 अपने अंजाम तक पहुंचने वाला है। रविवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। इसके लिए दोनों टीमें जोरशोर से जुटी हुई हैं। विश्व कप 1975 से खेला जा रहा है और इसके 48 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब दो या इससे ज्यादा विश्व कप जीत चुकी टीमों के बीच खिताबी मुकाबला खेला जा रहा है। हम आपको इस विश्व कप के फाइनल में दोनों टीमें और उसके खिलाड़ियों से जुड़े कुछ मजेदार तथ्य बता रहे हैं…
भारत दोहराएगा अपनी उपलब्धि

अगर भारत जीतता है तो वह शीर्ष छह (प्लेइंग-11 में)बल्लेबाजों में बाएं हाथ के बल्लेबाज के बिना विश्व कप जीतने की अपनी उपलब्धि को दोहराएगा। उन्होंने 1983 में भी ऐसा ही किया था। तब से सभी विश्व कप विजेता टीमों के पास शीर्ष छह में कम से कम एक बाएं हाथ का बल्लेबाज रहा है। ऑस्ट्रेलिया के पास 1987 विश्व कप में एलन बॉर्डर, पाकिस्तान के पास 1992 विश्व कप में आमिर सोहेल, श्रीलंका के पास 1996 विश्व कप में सनथ जयसूर्या, असंका गुरुसिन्हा, अर्जुन रणतुंगा, ऑस्ट्रेलिया के पास 1999 विश्व कप में एडम गिलक्रिस्ट, डैरेन लेहमैन, माइकल बेवन, ऑस्ट्रेलिया के पास 2003 विश्व कप में गिलक्रिस्ट, मैथ्यू हेडन, लेहमन, बेवन, ऑस्ट्रेलिया के पास 2007 विश्व कप में गिलक्रिस्ट, हेडन, माइक हसी, भारत के पास 2011 विश्व कप में गौतम गंभीर, युवराज सिंह, ऑस्ट्रेलिया के पास 2015 विश्व कप में डेविड वॉर्नर, इंग्लैंड के पास 2019 विश्व कप में ऑयन मॉर्गन, बेन स्टोक्स रहे थे।
1983 से पहले भी विजेता टीम के पास शीर्ष छह में एक बाएं हाथ का बल्लेबाज रहा है। 1975 और 1979 विश्व कप में में वेस्टइंडीज की टीम चैंपियन बनी थी और उनके पास बाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में रॉय फ्रेडरिक, एल्विन कालीचरण, क्लाइव लॉयड थे। इस बार ऑस्ट्रेलिया के पास शीर्ष छह में दो बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। इनमें डेविड वॉर्नर और ट्रेविस हेड शामिल हैं और दोनों ही सलामी बल्लेबाज हैं। 2003 और 2007 में उनके पास मैथ्यू हेडन और एडम गिलक्रिस्ट के रूप में दो ऐसे सलामी बल्लेबाज भी थे। वहीं, भारतीय टीम के शीर्ष छह में रोहित, शुभमन, विराट, श्रेयस, राहुल और सूर्यकुमार हैं।
ऑस्ट्रेलिया के पास भारत के जीत के लय को तोड़ने का मौका

भारत ने 2001 में कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया के लगातार 16 टेस्ट मैचों की जीत के क्रम को तोड़ दिया था। उन्होंने अहमदाबाद में ही ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप में लगातार जीतते रहने के रिकॉर्ड को भी तोड़ा था। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 1999 विश्व कप से 2011 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल तक इस टूर्नामेंट के हर मैच जीते थे। 2011 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में भारत ने मोटेरा में ऑस्ट्रेलिया के जीत के क्रम को तोड़ दिया था। अब ऑस्ट्रेलियाई टीम के पास विश्व कप में भारत के लगातार 10 मैचों के विजय क्रम को तोड़ने का मौका है।
भारत बतौर मेजबान विश्व कप जीतने वाली चौथी टीम बनेगी

1996 तक किसी भी मेजबान ने विश्व कप नहीं जीता था। श्रीलंका ने सह-मेजबान के रूप में ऐसा किया था। हालांकि, तब फाइनल उन्होंने अपने घर में नहीं खेला था। अगर भारत रविवार को विश्व कप जीतता है, तो यह मेजबान द्वारा लगातार चौथी जीत होगी। 2011 में भारत ने, 2015 में ऑस्ट्रेलिया ने और 2019 में इंग्लैंड ने अपनी मेजबानी में विश्व कप का खिताब जीता था।
कुलदीप यादव के पास ब्रैड हॉग की बराबरी का मौका

अगर भारत विश्व कप जीतता है, तो कुलदीप यादव चैंपियन टीम का हिस्सा बनने वाले केवल दूसरे ‘चाइनामैन’ गेंदबाज बन जाएंगे। वह ऑस्ट्रेलिया के ब्रैड हॉग (2003, 2007) के बाद यह रिकॉर्ड बनाएंगे। भारत के पास कुलदीप और जडेजा के रूप में बाएं हाथ के दो विशेषज्ञ स्पिनर हैं। टीम इंडिया बाएं हाथ के दो विशेषज्ञ स्पिनर के साथ विश्व कप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम है। 2003 में ऑस्ट्रेलियाई टीम में ब्रैग हॉग और डेरेन लेहमन थे। हालांकि, लेहमन पार्ट टाइम स्पिनर थे। भारत की पिछली दो खिताब विजेता टीमों की बात करें तो 1983 में प्लेइंग 11 में कोई लेग स्पिनर नहीं था। सिर्फ कीर्ति आजाद का पार्ट टाइम ऑफ स्पिन था। 2011 में भारतीय टीम में पीयूष चावला के रूप में एक विशेषज्ञ लेग स्पिनर था और अश्विन और हरभजन के रूप में दो विशेषज्ञ ऑफ स्पिनर्स थे, लेकिन फाइनल के लिए केवल हरभजन प्लेइंग-11 में थे। इस बार अश्विन ने चेन्नई में ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ सिर्फ एक मैच खेला है।