भाजपा सांसद बृजभूषण बोले – बचपन से ही दबंग हूं, आठवीं में दो बार फेल हुआ, धमकी देकर कॉपी लिखवाई तब पास हुआ

BJP MP Brijbhushan Sharan Singh says I did cheating to pass eighth class exam.

गोंडा। भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मैं बचपन से ही दबदबाबाज हूं। मैं आठवीं में दो बार फेल हुआ तो अपने आगे बैठे छात्र को धमकी देकर कॉपी लिखवाई तब पास हुआ। छात्र ने पेंसिल से कापी लिखी उस पर मैंने स्याही चढ़ाई तब 57 प्रतिशत अंकों के साथ पास हुआ।

भाजपा सांसद शुक्रवार को प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान मेधावियों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान वो बचपन से ही दबंग होने का वाकया सुनाने लगे। मंच से छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आठवीं में दो बार फेल हुआ। इसके बाद आठवीं के लिए सरकार ने बोर्ड परीक्षा का ऐलान कर दिया। जब फेल हुआ था तो होम एग्जाम होता था। 

तीसरे साल बोर्ड परीक्षा में किसी तरीके से सभी सब्जेक्ट में मैंने जोरदार तरीके से नकल की लेकिन अंग्रेजी के दिन मेरे हाथ पांव फूल गए क्योंकि अंग्रेजी देवी मेरी समझ में नहीं आती थी। हमने देखा कि हमारे बगल में एक लड़का तिवारी बहुत अच्छी अंग्रेजी लिख रहा था। उससे कहा कि पहले हमारा लिख दो, वह बड़े जोर से चिल्लाया कि नहीं लिखेंगे। हमने कहा चिल्लाओ मत लिख दो, नहीं तो गेट से बाहर निकलोगे तो हाथ पैर तोड़ देंगे। कोई डर नहीं था, हम शुरू से दबंगबाज थे। सरावां के एक तिवारी जी टीचर थे, वो उन्हीं का लड़का था। लड़का चिल्लाया तो हमारे पड़ोस के एक शिवशंकर तिवारी टीचर थे, वह आए और पूछा कि ठाकुर साहब यह क्या हो रहा है? 

हमने कहा गुरुजी हमको पेपर समझ में नहीं आ रहा है इसलिए मैंने इससे कहा कि पहले हमारा लिख दो। शिक्षक नाराज होते हुए बोले कि यह ठीक नहीं है, यह नहीं चलेगा। हमने कहा कि गुरूजी कुर्सी-मेज तक पास हो कर 11वीं में पहुंच गए, हम अभी तक यहीं बैठे हैं। इसलिए गुरूजी ऐसा न करो। फिर उस लड़के से पेंसिल से कॉपी लिखवाई और उस पर स्याही चढ़ा दी। जिससे राइटिंग एक जैसी न होने पाए।  

इस दौरान पंचायत हुई तो एक शिवपूजन जो कि कोतवाल थे आए। पंचायत हुई तो बोले कि देखो भाई पढ़ाई के बारे में तो हम नहीं जानते लेकिन यह खेलने में बहुत अच्छा है। सांसद ने कहा कि हम खेलने में बहुत अच्छे थे। वालीबॉल उस समय खेलते थे, लेकिन मारपीट में बेहतरीन थे। खैर हम पास हो गए और 57 प्रतिशत नंबर पाकर पास हुए। सांसद की यह स्वीकारोक्ति देखकर मेधावियों ने जमकर ठहाके लगाए।