रायगढ़: बीजेपी प्रत्याशी ओपी चौधरी की बढ़ी मुश्किलें, टिकट नहीं मिलने से नाराज गोपिका गुप्ता ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान

रायगढ़। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए रायगढ़ की चारों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और भाजपा अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। नामांकन भी शुरू हो चुका है। 30 अक्टूबर तक नामांकन फॉर्म जमा किए जाने हैं।

दोनों ही पार्टियों में नाराज नेता पार्टी के लिए सिरदर्द बन गए हैं। रायगढ़ में भाजपा के लिए पुसौर क्षेत्र की गोपिका गुप्ता, जो निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने को तैयार हैं, वे मुश्किल खड़ी कर सकती हैं। वहीं कांग्रेस के कोषाध्यक्ष शंकर अग्रवाल निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं, जो अपनी पार्टी के लिए चुनौती पेश करेंगे।

लैलूंगा में कांग्रेस के सुरेंद्र सिदार, टिकट कटने से नाराज चक्रधर सिदार और पूर्व विधायक हृदयराम राठिया चुनाव में मदद की उम्मीद रख रहीं अधिकृत प्रत्याशी विद्यावती सिदार के लिए चुनौती खड़ी कर रहे हैं। पहले कांग्रेस के बागी नेता शंकर अग्रवाल के आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ने की तैयारी चल रही थी, लेकिन रविवार देर शाम आप ने रायगढ़ से गोपाल अग्रवाल बापोड़िया को उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसके बाद वे गांवों और शहर में लोगों से मिलकर नब्ज टटोल रहे हैं। अब शंकर अग्रवाल चुनाव लड़ें या न लड़े, इसे लेकर पसोपेश में हैं।

शंकर अग्रवाल ने कहा कि वे लोगों से मिल रहे हैं, स्थिति का आकलन करके फैसला करेंगे कि चुनाव लड़ना है या नहीं। सुरेंद्र सिदार लैलूंगा इलाके के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं। वे खुद को टिकट की दौड़ में बताते रहे हैं। अब पार्टी ने विद्यावती सिदार को टिकट दे दिया, तो बागी हो गए हैं। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही।

सुरेंद्र ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि पार्टी निर्णय बदलेगी। उन्होंने कहा कि चक्रधर सिदार, हृदयराम राठिया और कुछ कांग्रेसियों के साथ चर्चा के बाद मैं साफ करूंगा कि क्या करना है। चक्रधर सिदार टिकट कटने के बाद रायपुर में ही डटे रहे। हृदयराम राठिया पहले विधायक रहे, पार्टी छोड़कर जोगी कांग्रेस में गए, डेढ़ महीने पहले फिर से कांग्रेस में लौटे।

विद्यावती के खिलाफ चक्रधर, हृदयराम और सुरेंद्र पार्टी पर दबाव बना सकते हैं। तीनों नाराज नेता लैलूंगा में पार्टी के लिए राह मुश्किल कर सकते हैं।

विधानसभा सीट से भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ रहे पूर्व आईएएस ओपी चौधरी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। इस सीट को वर्तमान विधायक प्रकाश नायक को लेकर एंटी इन्कमबेंसी के चलते भाजपा के लिए आसान सीट माना जा रहा था, लेकिन इस सीट पर बगावत के स्वर उठ रहे हैं। टिकट नहीं मिलने से नाराज कोलता समाज की कैंडिडेट गोपिका गुप्ता ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। गोपिका गुप्ता ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आवेदन भी ले लिया है।

खास बात ये है कि रायगढ़ विधानसभा सीट पर कोलता समाज के तकरीबन 40 हजार वोटर हैं। ऐसे में गोपिका गुप्ता के निर्दलीय चुनाव लड़ने से कोलता समाज के वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है। चूंकि गोपिका गुप्ता भाजपा का चर्चित और सक्रिय चेहरा हैं, लिहाजा भाजपा के वोट बैंक को धक्का लग सकता है। बहरहाल अब गोपिका की मान-मनौव्वल का दौर चल रहा है। गोपिका भाजपा को कितना नुकसान पहुंचा सकती हैं, ये देखना दिलचस्प होगा।