मोहाली। कर्नल मनप्रीत के बलिदान की खबर गुरुवार सुबह घरवालों ने उनकी पत्नी जगमीत कौर को दी। खबर सुनते ही लगा जैसे उनकी पूरी दुनिया उजड़ गई। देश की रक्षा के लिए अपना सुहाग कुर्बान करने वालीं जगमीत की आंखें भर आईं लेकिन खुद को जैसे-तैसे संभाला और चार साल के बेटे कबीर को रोज की तरह तैयार कर स्कूल भेजा। कबीर को भनक तक नहीं लगी कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं।
बुधवार शाम को खबर आई कि कर्नल मनप्रीत सिंह ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है लेकिन घरवालों ने कर्नल की पत्नी को यह खबर नहीं दी सिर्फ इतना बताया कि वह घायल हुए हैं। सेक्टर-26 स्थित मायके में रह रहीं जगमीत कौर के पिता जगदेव सिंह ग्रेवाल ने गुरुवार सुबह उन्हें पति के बलिदान होने की खबर दी। परिजनों ने कोशिश कि कर्नल के बच्चों को इस बात की खबर न हो।
उधर, कर्नल मनप्रीत सिंह के शहीद होने की खबर मिलने के बाद जगमीत कौर के स्कूल का स्टाफ और पड़ोसी ढांढस बंधाने घर पहुंचे। सूचना मिलने पर चंडीमंदिर से सेना के अफसरों और आर्मी परिवार के आलाधिकारी और उनके परिवारों का दिनभर आना-जाना लगा रहा। लोगों ने घर आकर उन्हें ढांढस बंधाया। जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक सहित अन्य अधिकारी जगमीत कौर को सांत्वना देने उनके घर पहुंचे।
मोरनी में शिक्षिका हैं कर्नल की पत्नी
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों से मुठभेड़ में कर्नल मनप्रीत सिंह ने वतन पर अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था। वह मोहाली जिले के गांव भड़ौंजिया के रहने वाले थे। गांव में हर कोई उनकी बहादुरी के चर्चे कर रहा था। कर्नल मनप्रीत सिंह की पत्नी जगमीत कौर मोरनी में शिक्षिका हैं। वह सात साल के बेटे कबीर और ढाई साल की बेटी वाणी के साथ पंचकूला के सेक्टर-26 में रहती हैं। कर्नल मनप्रीत की ससुराल भी पंचकूला में ही है।
मनप्रीत वर्ष 2003 में सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बने थे। वर्ष 2005 में उन्हें कर्नल के पद पर पदोन्नत किया गया था। छोटे भाई संदीप सिंह ने बताया कि कर्नल मनप्रीत सिंह वर्ष 2019 से 2021 तक सेना में सेकंड इन कमांड के तौर पर तैनात थे। बाद उन्होंने कमांडिंग अफसर के रूप में काम किया।