बिलासपुर। सहायक शिक्षकों की भर्ती की काउंसलिंग और अंतिम चयन सूची जारी करने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा (भर्ती तथा शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम, 2019 में 4 मई 2023 को संशोधन किया। इस संशोधन के मुताबिक, सहायक शिक्षक की भर्ती के लिए स्नातक और बीएड या डीएड की अनिवार्य योग्यता रखी गई और इसी आधार पर इसी दिन सहायक शिक्षकों के लगभग 6500 पद के लिए विज्ञापन 4 मई 2023 को जारी किया गया और 10 जून 2023 को परीक्षा आयोजित हुई थी।
परीक्षा में बीएड और डीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी शामिल हुए। 2019 के नियम में बीएड अभ्यर्थी को शामिल करने पर डीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी विकास सिंह, युवराज सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और बताया कि प्राथमिक स्कूल के बच्चों के अध्यापन के लिए डीएड कोर्स में विशेष ट्रेनिंग दी जाती है और बीएड में उच्चतर कक्षाओं में अध्यापन की ट्रेनिंग होती है।
इसी आधार पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला लिया कि सहायक शिक्षकों जो कक्षा 1 से 5 में अध्ययन कराते हैं। बीएड अभ्यर्थी पात्र नहीं हैं, केवल डीएड अभ्यर्थी ही पात्र हैं और बीएड शामिल करने से शिक्षा की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि वो प्राथमिक स्कूल बच्चों को पढ़ाने विशेष रूप से ट्रेंड नहीं है। जबकि डीएड प्रशिक्षित प्राथमिक के लिए विशेष प्रशिक्षित हैंl
सर्वोच्च न्यायालय के उक्त निर्णय के आधार याचिकाकर्ता ने छत्तीसगढ़ शिक्षक भर्ती नियम 2019 से भी सहायक शिक्षक की अनिवार्य योग्यता से बीएड को अवैधानिक घोषित कर विलोपित करने यह याचिका लगाई और तब तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग कीl सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति एनके चंद्रवंशी की युगलपीठ ने शासन से जवाब तलब करते हुए सहायक शिक्षक भर्ती विज्ञापन 23 में बीएड अभ्यर्थियों की काउंसलिंग और उनके अंतिम चयन सूची जारी करने पर अंतरिम रोक लगा दी है।