नाराज हैं नीतीश कुमार!; इस सवाल पर ललन सिंह बोले- ‘विपक्षी एकता के सूत्रधार हैं नीतीश, गोदी मीडिया द्वारा फैलाई जा रही है यह अफवाह’

Nitish Kumar INDIA opposition party : lalan Singh told about displeasure at opposition meeting in bangaluru

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के खिलाफ अगुआ बने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेंगलुरु में विपक्षी एकता की बैठक से नाराज बताए जा रहे हैं। लेकिन, जनता दल यूनाईटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के अनुसार यह अफवाह है। एयरपोर्ट पर ललन सिंह ने कहा- “नीतीश कुमार विपक्षी एकता के सूत्रधार हैं। सूत्रधार कभी नाराज नहीं होता। यह अफवाह मीडिया द्वारा फैलाई जा रही है। यह बात पूरी तरह गलत है। कोई नाराजगी नहीं है। मुंबई में जो अगली बैठक होगी, उसमें आगे की रणनीति तय होगी। इंडिया नाम से नाराजगी के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि सबकी सहमति से विपक्षी एकता का नाम I.N.D.I.A. रखा गया है इसमें किसी को आपत्ति नहीं है।”

मीडिया का दुष्प्रचार कह पीएम पर साधा निशाना 
जदयू अध्यक्ष ने कहा कि “देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नियंत्रण में जो मीडिया है, वही ऐसा दुष्प्रचार कर रही है। अफवाह फैलाने में बड़का झूठा पार्टी का साथ देश की गोदी मीडिया भी दे रही है। देश में पिछले कई दिनों में कई तरह के दुष्प्रचार फैलाए जा रहे हैं। कभी ऐसा दुष्प्रचार किया गया कि जदयू टूट रही है। फिर वहां की जदयू और राजद में खटपट को चर्चा में लाया गया। अब चला रहे हैं कि नीतीश कुमार नाराज हैं। लेकिन, ऐसी कोई बात नहीं है। नीतीश कुमार नाराज नहीं हैं। नीतीश कुमार विपक्षी एकता के सूत्रधार हैं और सूत्रधार कभी नाराज नहीं होता है।” 

नाम पर असहमति का भी दिया खुलकर जवाब 
जदयू अध्यक्ष ने कहा कि इंडिया सबकी सहमति से नाम तय हुआ है। ललन सिंह ने सुशील मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि सुशील मोदी छपास रोग से ग्रस्त हैं। उन्हें कहने दीजिए। मोदी जी का एक वीडियो मैंने देखा, जिसमें वह कह रहे हैं कि वोट फॉर इंडिया तो अब मोदी जी विपक्षी की एकता के लिए वोट मांग रहे हैं? एनडीए की बैठक पर चर्चा करते हुए ललन सिंह ने कहा कि मैं भी 5 साल एनडीए में रहा, लेकिन आज तक कभी नहीं देखा कि एनडीए की बैठक हुई। आखिर नरेंद्र मोदी को एनडीए की बैठक बुलाने की चिंता तो हुई। इससे साफ दिखता है कि हताशा और निराशा के कारण बैठक बुलाने की नौबत आई।