नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष को एक और बड़ा झटका दिया है। ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एक बार फिर से एनडीए में शामिल हो गई है। ओम प्रकाश राजभर ने शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुलाकात की।
रविवार की सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके एलान किया है। अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ओम प्रकाश राजभर से दिल्ली में भेंट हुई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का फैसला लिया है। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूं।
राजभर के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा गरीबों व वंचितों के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों को और बल मिलेगा।
प्रधानमंत्री की जो सोच है उसे आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी: राजभर
उधर, लखनऊ में सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हमारी पार्टी और भाजपा ने आगामी 2024 चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला लिया है। 14 तारीख को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई और विभिन्न बिंदुओं पर बात हुई। दोनों दल के मिलने से पूरे प्रदेश में एक बड़ी ताकत पैदा होगी। देश के प्रधानमंत्री की जो सोच है उसे आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी।
पिछले काफी समय से सियासी गलियारों में चर्चा थी कि ओपी राजभर फिर से भाजपा के साथ जाएंगे। ऐसे में भाजपा के साथ गठबंधन होने की अटकलों को विराम देते हुए सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शनिवार को दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मौके पर राजभर के बड़े पुत्र डॉ. अरविंद राजभर के अलावा केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी मौजूद रहे।
करीब पौन घंटे के मुलाकात के बाद अब सुभासपा का भाजपा के साथ गठबबंधन होना पक्का हो गया। सूत्रों का कहना है कि राजभर ने अमित शाह के सामने लोकसभा चुनाव में कुल तीन सीटों की मांग रखी है। इनमें दो सीटें यूपी में और एक सीट बिहार में मांगी है। हालांकि बिहार में सीट देने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन यूपी में दो सीट देने पर लगभग सहमति बन गई है।
इनमें गाजीपुर और घोसी सीट शामिल हैं। राजभर शाह के सामने यह भी शर्त रखी है कि दोनों सीटें वह अपने सिंबल ही चुनाव लड़ेंगे। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि राजभर ने गाजीपुर सीट से अपने छोटे पुत्र अरुण राजभर को चुनाव लड़ाने का भी प्रस्ताव भी अमित शाह को दिया है।
सूत्रों का कहना है कि राजभर ने अमित शाह के सामने यह भी शर्त रखी है कि यदि बिहार में सीट देने की स्थिति नहीं बनती है तो फिर यूपी में चंदौली या आजमगढ़ की लालगंज सीट में से कोई एक सीट सुभासपा को दिया जाए। यानि उन्होंने बिहार में सीट न मिलने की स्थिति में यूपी में कुल तीन सीटें मांगी है । हालांकि इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है।
इसके अलावा राजभर ने शाह के साथ पार्टी के उन मुद्दों पर भी चर्चा की है, जिनमें सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने, राजभर जाति को अनुसूचिचत जन जाति में शामिल करने समेत कई मुद्दे शामिल हैं। कहा जा रहा है कि राजभर के कई प्रस्तावों पर अमित शाह ने हामी भरी है। इससे राजभर संतुष्ट भी हैं।
यूपी की राजनीति से जुड़े एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सपा विधायक दारा सिंह ने सपा छोड़ दी है। शनिवार को उन्होंने भी अमित शाह से मुलाकात की। माना जा रहा है कि वह लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से प्रत्याशी बन सकते हैं।